राजस्व महाअभियान के तहत नक्शा अपडेट करने में बरती गई लापरवाही पर जबलपुर कलेक्टर ने पाच पटवारियों को निलंबित कर दिया। जानकारी जब अन्य साथी पटवारियों को लगी तो उन्होंने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और तीन दिन सामूहिक अवकाश पर चले गए, जिले भर के पटवारियों के एक साथ अवकाश पर जाने से राजस्व विभाग का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है। पटवारियों के अवकाश का आज दूसरा दिन है, आज भी जिले की तहसीलों में पदस्थ पटवारियों ने काम नहीं किया है। इधर गुरुवार को एक बार फिर पटवारियों के संगठन ने कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना से मुलाकात कर मांग की है कि निलंबित पटवारियों को बहाल कर उन्हें एक मौका दिया जाए, जिस पर कलेक्टर ने पटवारियों की मांग का मान लिया है, लिहाजा शुक्रवार से जिले भर के पटवारी काम पर वापस लौट रहे है।
दरअसल दो दिन पहले राजस्व अभियान में न केवल नक्शा अपडेट करने बल्कि किसानों क ई-केवाईसी कराने के मामले में पांच पटवारियों ने लापरवाही बरती थी, जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने नरेन्द्र यादव, रजनी खटीक, शिवेन्द्र उइके, स्वाति पटेल और सतीश राज को सस्पेंड कर दिया था। निलंबन से नाराज होकर बुधवार को जिले भर के सभी पटवारियों ने अचानक ही सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया और काम बंद कर दिया। पटवारियों के निलंबन नाराज संगठन 3 दिन के अंदर पटवारियों का निलंबन बिना शर्त वापस नहीं किया या तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
पटवारियों के अचानक ही अवकाश पर चले जाने से राजस्व अभियान के साथ ही सामान्य दिनों के कार्य ठप पड़ गए हैं। पटवारियों ने कहा कि उन्हें मानसिक, रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा बिना किसानों और प्लॉट धारकों की सहमति के ही नक्शा बटांकन पर जोर दिया जा रहा है। यदि पटवारी ऐसा कार्य करते हैं तो भविष्य में उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। बहरहाल कलेक्टर ने पांचों ही निलंबित पटवारियों को बहाल करने की बात कही है, जिसके बाद सभी पटवारी काम पर वापस लौट आए है।