एमजीएम​​​​​​​ को मिला मध्य भारत का पहला एंडोजेनस ब्लड इरेडिएटर:बोन मैरो ट्रांसप्लांट में मिलेगी सहायता; मरीजों के इलाज में होगा काफी फायदा

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महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर को बीएआरसी (भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र) द्वारा निर्मित 50 लाख रुपए की लागत वाला एंडोजेनस ब्लड इरेडिएटर प्राप्त हुआ है। इसमें कोबाल्ट-60 स्रोत का उपयोग किया गया है। यह उपकरण मध्य भारत में अपनी तरह का पहला है और अब तक किसी भी निजी अस्पताल में भी इस उपकरण की सुविधा उपलब्ध नहीं है। एमवायएच सुपरिटैंडैंट डॉ. अशोक यादव ने बताया कि यह उन्नत उपकरण बोन मैरो ट्रांसप्लांट के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। यह ग्राफ्ट रिजेक्शन की संभावना को कम करता है साथ ही ग्राफ्ट वर्सेस होस्ट रिएक्शन को रोकने में मदद करता है। इससे मरीजों के उपचार में बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। उपकरण की कमीशनिंग और स्रोत स्थापना का काम प्रगति पर है। यह उपकरण प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।