भारतवर्ष में 70 करोड़ हिंदू हैं । भगवान राम इस देश में जन्मे थे, इसका सबूत देने के लिए हमें पसीना आ गया। कई पेपर सबमिट करना पड़े, आर्ग्युमेंट करने पड़े, तब जाकर सात जजों की बेंच ने यह स्वीकार किया कि भगवान राम यहां हुए थे। जैन धर्मावलंबियों की संख्या तो मात्र डेढ़ करोड़ के आसपास है। यदि हमको सबूत देना पड़ा कि भगवान महावीर यहां हुए थे तो जिन मंदिरों के पाषाण में लिखी इबादत ही यह बताएगी, कि हां भगवान महावीर हुए थे। इंदौर में बनने वाला ये मंदिर केवल इंदौर की आन, बान और शान के लिए नहीं बल्कि विश्व के लिए बन रहा है। ये जिनालय प्रमाण पत्र है सत्य, अहिंसा, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के। छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि विनम्र सागर जी महाराज ने यह बात गुरुवार को कही। सफलता का एक सूत्र है अपने आप को देखो उन्होंने कहा की प्रगति और सफलता का एक सूत्र है अपने आप को देखो । आज इतनी दौड़ स्वयं के लिए नहीं है, यह दूसरों को देखने की आदत के कारण है । कितनी भटकी हुई है जिंदगी आपकी ? अपने आप को देखोगे तो मालूम होगा कि जो ज्ञात है वो कम है, अज्ञात है वो ज्यादा है । दूसरों को देखने में जीवन क्रोध , मान , माया ,लोभ में निकल जाता है । कभी एकांत में बैठकर अपने ऊपर क्रोध करके बताइए ? साधु मंदिरों में आते हैं तो आपको आपका ज्ञात मालूम होता है। उन्होंने कहा कि आंखें बंद करके जीवन जियो, खोलकर जीने में कुछ नहीं मिलेगा। पंचम काल में मोक्ष नहीं है, लेकिन मोक्ष का मार्ग तो है। जिन शासन को सुरक्षित रखने के लिए आपके पास धन है और धन का दान देना ही इसका सर्वोत्कृष्ट उपयोग है। गुरुदेव की आठ द्रव्यों से की पूजन दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि गुरुवार को प्रातः गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के बाद गुरुदेव की आठ द्रव्यों से पूजन करने का सौभाग्य दिगंबर जैन सोशल ग्रुप, मेन के सदस्यों को मिला।इस अवसर पर मुकेश बाकलीवाल, प्रतिपाल टोंग्या, कमलेश कासलीवाल, शैलेंद्र सोनी, इंदर सेठी, सुरेश मेहता,सतीश डबडेरा, संजय कासलीवाल, सतीश जैन, आनंद जैन, रितेश पाटनी, भरतेश बड़कुल, सुधीर जैन आदि विशेष रूप से मौजूद थे। मुनि निस्वार्थ सागर जी महाराज भी मंच पर विराजित थे। प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से आचार्य श्रीजी की पूजन, 9:00 बजे से प्रवचन, दलाल बाग में होते हैं। धर्म सभा का संचालन भूपेंद्र जैन ने किया।