ग्वालियर में 6 अक्टूबर को भारत-बांग्लादेश का टी-20 इंटरनेशनल मैच होने जा रहा है, लेकिन मैच की घोषणा के साथ ही इस पर हिंदू संगठनों की धमकी का साया मंडराने लगा है। हिंदू महासभा ने इस मैच को नहीं होने देने की चेतावनी दी है। कहा है कि भले ही इसके लिए पिच खोदना पड़े, लेकिन मैच नहीं होने देंगे। हिंदू महासभा ने 14 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मैच को होने से रोकने के लिए कहा है। अल्टीमेटम दिया है कि 30 अगस्त तक मैच को रद्द करने का निर्णय नहीं लिया जाता है, तो हिंदू संगठन आंदोलन करेंगे। मैच को रद्द कराने के लिए हिंदू महासभा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी लेटर लिखा है। इतना ही नहीं, 5 अक्टूबर को पूरे देश से हिंदू संगठनों को आमंत्रित कर ग्वालियर में महासम्मेलन रखा है। मैच से एक दिन पहले इस महासम्मेलन पर पुलिस की नजर है। हिंदू महासभा का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के बाद यहां बांग्लादेश को मैच नहीं खेलने देंगे। क्या धमकी और चेतावनी दी?
दैनिक भास्कर ने हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज से बात की, तो उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ क्या-क्या हो रहा है, किसी से छिपा नहीं है। वहां मंदिर तोड़े जा रहे हैं। हिंदुओं के साथ बदसलूकी की जा रही है। महिलाओं के साथ अभद्रता की जा रही है। इसके बाद भी बांग्लादेशी टीम के साथ हम मैच खेल रहे हैं। यही हमारे विरोध का मुख्य कारण है।
गोडसे का मंदिर बनाकर पुलिस को दे चुकी है चुनौती
हिंदू महासभा की धमकी पर पुलिस – प्रशासन अलर्ट है। कुछ साल पहले हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था। जिला प्रशासन और पुलिस ने खूब निगरानी रखी, लेकिन इन सबके बीच हिंदू महासभा भवन में गोडसे का मंदिर बनाकर मूर्ति की स्थापना कर दी गई। इस पर पूरे देश की राजनीति में काफी बवाल मचा था। आनन-फानन में पुलिस ने यह मंदिर हटवाया था। पुलिस कुछ बोल नहीं रही, पर हर हरकत पर नजर
हिंदू महासभा की धमकी के बाद से पुलिस अधिकारी लगातार उनकी निगरानी कर रहे हैं। शंकरपुर स्टेडियम के आसपास भी पुलिस के गश्ती दल सर्च करते नजर आ रहे हैं। पुलिस अधिकारी इस धमकी पर खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन अलर्ट हैं। नए स्टेडियम में मैच को लेकर तैयारियां जोरो पर
ग्वालियर के शंकरपुर में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम हाल ही में बनकर तैयार हुआ है। नाम श्रीमंत माधवराव सिंधिया इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम है। स्टेशन के उदघाटन समारोह में मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव, बीसीसीआई के चेयरमैन जय शाह, पूर्व क्रिकेटर कपिल देव शामिल हुए थे। नए स्टेडियम का शुभारंभ आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) की तर्ज पर मध्यप्रदेश क्रिकेट लीग (MPL) के साथ हुआ था। शहर में 2010 में हुआ था आखिरी इंटरनेशनल मैच
ग्वालियर में आखिरी इंटरनेशनल मैच 2010 में हुआ था। बीसीसीआई ने इंडिया-बांग्लादेश के बीच खेली जाने वाली टी-20 सीरीज का एक मुकाबला 6 अक्टूबर को ग्वालियर के श्रीमंत माधवराव सिंधिया इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में कराने का ऐलान किया है। ग्वालियर को अंतर राष्ट्रीय मैच की मेजबानी मिलने पर जीडीसीए (ग्वालियर डिविजन क्रिकेट एसोसिएशन) के उपाध्यक्ष महान आर्यमन सिंधिया ने पूरे ग्वालियर वासियों को बधाई भी दी थी। ये भी पढ़िए… 1935 से हिंदू महासभा का गढ़ है ग्वालियर ग्वालियर शुरू से ही हिंदू महासभा का गढ़ रहा है। मध्य भारत हिंदू महासभा का प्रमुख कार्यालय भी यहीं है। 1935 में वीर सावरकर ने यहीं अखिल भारतीय हिंदू महासभा की स्थापना की थी। बापू की हत्या करने वाले गोडसे का भी ग्वालियर से गहरा नाता रहा है। ग्वालियर जब हिंदू महासभा का गढ़ बन ही रहा था, तब से नाथूराम गोडसे ग्वालियर आया-जाया करता था। 1947 में यहां के दफ्तर में नाथूराम गोडसे ने कुछ दिन भी बिताए थे। यहां हिंदू महासभा गोडसे का मंदिर तक बना चुकी है। पूरी खबर पढ़िए