भटककर मुंबई पहुंच गया था रामजीलाल:पांच साल से परिवार को थी तलाश, बड़वानी आने पर मिले परिजन, खिले चेहरे

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पांच साल से भटक रहे रामजीलाल को आखिरकार उनके परिजन मिल गए। सेंधवा क्षेत्र के रहने वाले रामजीलाल पांच साल पहले भटककर मुंबई चले गए थे। जिसके बाद से ही उनके परिवार के लोग उन्हें तलाश रहे थे। पांच साल बाद रामजीलाल के वापस लौट आने पर उनके परिजन के चेहरे खिल उठे। वहीं उनकी बहन ने भी पांच साल बाद अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर खुशी प्रकट की। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता अजित जैन ने बताया कि श्रद्धा रिहेबीलीटेशन फाउंडेशन संस्था कर्जत मुंबई और बड़वानी, सेंधवा के सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही बड़वानी पुलिस प्रशासन व राज्यसभा सांसद की मदद से रामजीलाल को उसके परिजन मिल सके। उन्होंने बताया कि रामजीलाल भटकते हुए केरल पहुंच गए थे, जहां की एक सामाजिक संस्था ने उन्हें मुंबई रिहेबीलीटेशन फाउंडेशन भिजवा दिया था। मुंबई में संस्था ने रामजीलाल का समुचित इलाज किया और लगभग तीन माह से संस्था के लोग बड़वानी, सेंधवा, राजपुर और खरगोन जिले में उनके परिजन की तलाश में जुटे थे। संस्था के अजय राजपूत मुंबई से बड़वानी सोमवार रात को रामजीलाल को लेकर आए, जिसके बाद उन्होंने बड़वानी पुलिस थाने में संपर्क किया। बड़वानी थाने से जिले के सभी थानों पर सूचना दी गई और बड़वानी के सामाजिक कार्यकर्ता अजित जैन व रोटरी क्लब के सचिव ललित जैन को सूचना दी गई। दोनों तत्काल पुलिस थाने पहुंचे और रामजीलाल से बातचीत करने का प्रयास किया। बातचीत में खुलासा हुआ कि युवक सेंधवा के आसपास का है और आदिवासी समाज से है, जिस पर अजित जैन ने राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी से रामजीलाल की बातचीत करवाई। डॉ. सोलंकी ने बातचीत के बाद बताया कि वह बारेला समाज का ही है। इसके बाद सोशल मीडिया पर संदेश और फोटो शेयर कर रामजीलाल के परिजन की तलाश की गई। सोशल मीडिया का रहा अहम योगदान
रामजीलाल को उसके परिजन से मिलाने में सोशल मीडिया का भी अहम योगदान रहा। मानव सेवा समिति के निलेश जैन ने सेंधवा व आसपास के क्षेत्रों में संदेश शेयर किया, तब जाकर मंगलवार सुबह 10.30 बजे पठान भाव सिंह आर्य उप सरपंच ग्राम पंचायत वाक्या पोस्ट धनोरा तहसील सेंधवा का फोन सामाजिक कार्यकर्ता अजित जैन के पास आया। उन्होंने बताया कि रामजी लाल उनके गांव का है और इसके परिजनों से संपर्क कर सूचना देता हूं। इसके बाद परिजनों ने फोटो देखकर पहचान लिया और बड़वानी के लिए परिजन निकले। परिजनों के साथ आई बहन प्यारी बाई ने भाई को देखते ही खुशी व्यक्त की और उसे गले से लगा लिया। बहन ने थाने पर ही बांधी राखी
रामजी लाल के पांच साल बाद मिलने पर उनकी बहन प्यारी बाई ने शहर थाने पहुंचकर रामजी लाल की कलाई पर थाने में ही राखी बांधी। प्यारी बाई ने बताया कि उनका भाई पांच साल से नहीं था तो वह हर साल रक्षा बंधन पर पीपल को ही राखी बांधती थी और प्रार्थना करती थी कि उनका भाई जल्दी मिल जाए। आज भाई मिलने की खुशी उनके चेहरे पर झलक रही थी। थाने पर एसडीओपी दिनेश सिंह चौहान, थाना प्रभारी दिनेश कुशवाह, एसआई आशिक खान, समाधान पाटिल और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच बहन ने थाने में राखी बांधकर खुशियां व्यक्त की।