भारत बंद का जिले में मिला जुला असर रहा। कहीं सुबह से कुछ दुकानें खुली रही तो कहीं बंद रहीं। सुबह 11 बजे से कार्यकर्ता शहर में घूमकर दुकानदारों से हाथ जोड़ कर दुकानें बंद करने की अपील करते रहे तो वहीं कुछ दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें सुबह 11.30 बजे तक नहीं खोली। इधर, 11 बजे से एससी-एसटी अनुयायियों के विभिन्न संगठनों के सदस्य पदाधिकारी डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास जमा हुए। यहां से रैली निकाली गई। यह रैली जय स्तंभ, शनवारा, सिंधी बस्ती से होते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। यहां राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। नेपानगर में भी निकाली रैली नेपानगर में भी एससी-एसटी समाजजन ने रैली निकली। विभिन्न संगठनों का समर्थन रहा। यहां भी अधिकांश दुकानें सुबह 11.30 बजे तक बंद नजर आई। काफी संख्या में एससी-एसटी अनुयायियों के संगठनों द्वारा रैली निकाली गई जिसमें काफी संख्या में महिलाएं भी थीं। आदिवासी संगठनों का भी बंद को समर्थन रहा। आदिवासी विकास परिषद प्रदेश उपाध्यक्ष रविंद्र मसाने ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी को लेकर कानून में संशोधन कर प्रतिघात किया है। बाबा साहब ने कहा था कि किसी प्रकार से आरक्षण को न छेड़ा जाए ताकि हमारे लोगों के साथ प्रतिघात न हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिघात किया है। इसलिए भारत बंद कर रैली निकालकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। लहाड़ सिंग ने कहा आरक्षण को लेकर बहस चल रही है। इसलिए भारत बंद किया गया है।