राजधानी में सड़कों की हालत बेहद खराब है। पिछले महीने हुई लगातार बारिश का असर यह हुआ कि लगभग हर क्षेत्र में सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। नए और पुराने शहर के 10 वार्ड के पार्षदों से बात की तो पता चला कि इन वार्डों में कुल 138 किलो मीटर सड़कें हैं। इनमें से 54 किलो मीटर सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। यानी 39 प्रतिशत से भी ज्यादा सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। खासबात यह है कि अरेरा कॉलोनी की लगभग सब सड़कों पर गड्ढे हो चुके हैं। जबकि, विधानसभा, वल्लभ भवन, विंध्याचल और सतपुड़ा भवन के आसपास की सड़कों पर एक भी गड्ढा नहीं है। अरेरा कॉलोनी की पूरी सड़कें खराब अरेरा कॉलोनी की पूरी सड़कें खराब हो चुकी हैं। पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव के कारण सड़कों का काम ही नहीं हो पाया है। अब तो इनका गारंटी पीरियड भी खत्म हो चुका है। ऐसे में इनका पैचवर्क भी नहीं हो पा रहा है। चूंकि, सड़कें पीडब्ल्यूडी की हैं, अब बारिश के बाद ही निर्माण हो पाएगा। तीन वार्डों में इतवारा चौराहा पर यहां भी गड्ढे इतवारा चौराहा वार्ड 19, 20 और 23 में आता है। इन तीनों वार्डों की सीमा इस चौराहे से शुरू होती है। बावजूद इसके यहां सड़कों पर गड्ढों की भरमार है। जबकि इस चौराहे पर दिनभर भारी तादाद में वाहनों का आना-जाना होता है। सड़कों की हालत ठीक नहीं होने के कारण वाहन चालकों को यहां से आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां दो साल से नहीं बन रही हैं सड़कें नेहरू नगर क्षेत्र में सड़कों की हालत बेहद खराब है। दरअसल, दो साल से सड़कों का निर्माण नहीं होना है। सबसे ज्यादा हालत एस सेक्टर और बीएम वाली लाइन में है। 10 से ज्यादा सड़क के टेंडर होने के बाद भी बीते 2 साल से काम ही शुरू नहीं किया जा रहा है। कांट्रेक्टर भुगतान नहीं होने की बात कहकर टाल देते हैं। यहां उखड़ने से पहले बनती हैं रोड राजधानी में एक वार्ड ऐसा भी है जहां सड़क पर गड्ढा होने से पहले पैचवर्क हो जाता है। हम बात कर रहे हैं वार्ड 33 की। वल्लभ भवन, विंध्याचल भवन और सतपुड़ा भवन के अलावा विधानसभा भवन भी इसी वार्ड में आता है। ऐसे में यहां हररोज दिनभर वीआईपी मूवमेंट होता है। यहीं वजह है कि यहां की सड़कों पर कभी गड्ढे हो ही नहीं पाते हैं।