छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक मंडल भेल ने मनाया भोजली उत्सव:पीढ़ी दर पीढ़ी दोस्ती निभाने और अच्छी फसल की कामना के लिए मनाया पर्व

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छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक मंडल पिपलानी भेल ने बुधवार को भोजली उत्सव पर्व धूमधाम से मनाया।इस मौके पर नई फसल की कामना और मित्रता निभाने के उद्देश्य से महिलाओं, लड़कियों, पुरुष व युवाओं ने एक-दूसरे को भोजली की दूब भेंट की। साथ ही जीवन भर मित्रता निभाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ समाज के सभी सदस्यों ने भोजली की पूजा अर्चना कर विसर्जन किया। इसके साथ ही पुरूषों ने यहां पौधरोपण कर पेड़ों के संरक्षण का संकल्प लिया। छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक वैभव के प्रतीक भोजली पर्व का अपना अलग महत्व है। पीढ़ी दर पीढ़ी दोस्ती निभाने की अनूठी परंपरा और अच्छी फसल की कामना का प्रतीक है भोजली त्यौहार। भोजली का त्योहार हर साल रक्षाबंधन के दूसरे दिन मनाते हैं। जिसके लिए नागपंचमी के दिन बांस की टोकरी में मिट्टी डालकर गेहूं को उगाया जाता है और रोज इसकी पूजा और भोजली गीत गाकर सेवा की जाती है। कहा जाता है कि जितनी अच्छी भोजली होगी उतना ही अच्छी फसल होगी । इस कार्यक्रम में मंडल के अध्यक्ष राजेश कर्ष, मुख्य संरक्षक एम के भगत, एच आर पटेल, यू आर सिदार, जीपी बघेल, अवधपुरी मंडल अध्यक्ष किशन बंजारे, सी पी भारद्वाज, बी एस गोंड, तुषण कुमार पटेल, हुमन साहू सहित मातृ-शक्तियों में हीरा कर्ष, कला गोड, उषा पटेल, सुखमणि चंद्रा, राजकुमारी बंजारे मौजूद रहे।