आगर मालवा जिले के ग्राम भ्याना में अंतिम यात्रा भी बारिश के दिनों संकट भरी हो जाती है। भ्याना में शमशान घाट नाले के पार बना है। यह नाला साल में करीब 8 महीने पानी से भरा रहता है। गांव में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर अंतिम संस्कार के लिए इस नाले को जान जोखिम में डाल कर पार करना पड़ता है। शव को कंधे पर उठाकर नाला पार करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। एक दिन पहले (मंगलवार) इस गांव में रतन सिंह की (80 वर्ष) की मृत्यु हो गई। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों को एक दूसरे का हाथ पकड़ कर नाला पार करना पड़ा। यह वीडियो सोशल पर वायरल हो रहा है। इस बारे में बुधवार को ग्रामीण राजेंद्र सिंह ने बताया की इस नाले पर पुलिया बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। लेकिन नेता और अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे। कई बार नाले के उतरने का इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद ही अंतिम संस्कार किया जाता है। इस मामले में जब ग्राम पंचायत के सचिव मदनलाल केलकर से बात की गई तो उनका कहना था कि 15 अगस्त पर प्रभारी मंत्री और कलेक्टर गांव में आए थे। उन्हें भी इस समस्या से अवगत कराया गया है। यह समस्या कई वर्ष पुरानी है और इसकी लागत भी अधिक है। प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा गया है। कार्य आर ई एस विभाग के माध्यम से जल्द ही किया जाएगा।