सुसाइड नोट में लिखा-बॉडी पार्ट बेचकर पैसा रिश्तेदारों को देना:कमरे में मिले मां-बेटी के शव; लापता भाई लौटा, बोला- हत्या हुई

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जबलपुर में 17 – 18 अगस्त की दरमियानी रात मां – बेटी के शव मिले। बेटा लापता था। वह 19 अगस्त को लौट आया है। एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, सुसाइड नोट बेटी का है। उसने लिखा, ‘मेरे शरीर का एक-एक पार्ट बेच देना और जो पैसा आए, वो कमलेश बुआ, विमलेश बुआ और शालू दीदी में बांट देना, खुश रहो।’ गोहलपुर थाने की पुलिस को शिखा साहू (45) के मोबाइल में मैसेज भी मिला है। इसमें प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ी परेशानी का जिक्र है। शहर के मिलौनीगंज में रहने वाली शिखा का शव पंखे से फांसी के फंदे पर लटका था। शिखा की मां श्यामा साहू (70) का शव उसी कमरे में बेड पर पड़ा मिला था। दोनों के शव 8 से 10 दिन पुराने थे। घटना से 20 दिन पहले शिखा का बड़ा भाई नितिन साहू लापता हो गया था। मां – बहन की मौत की खबर लगने पर नितिन सोमवार की सुबह जबलपुर लौटा। बताया कि महाराष्ट्र के एक आश्रम में जाकर रहने लगा था। नितिन ने हत्या की आशंका जताई है। भाई बोला- हत्या का शक है रविवार शाम को तिलवारा के श्मशान घाट में मां-बेटी का अंतिम संस्कार हुआ। सोमवार को नितिन ने इस स्थान पर पहुंचकर पूजा की। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि दोनों बुआ और उनके बच्चे प्रॉपर्टी के लिए परेशान कर रहे थे। बड़ी बुआ ने तीन मंजिला मकान के एक फ्लोर पर कब्जा कर लिया। नितिन का कहना है कि बुआ और उनके बच्चे यह चाह रहे थे कि हम घर खाली कर अहमदाबाद आश्रम चले जाएं और ये लोग यहां पर रहने लगें। हो सकता है कि प्रॉपर्टी के लालच में मां और बहन की हत्या की गई हो और इसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा हो। शिखा का सुसाइड नोट… शनिवार रात 12 बजे जिस कमरे में शिखा और उसकी मां के शव पुलिस को मिले, वहां से रविवार सुबह पुलिस को सुसाइड नोट मिला है। इसमें शिखा ने लिखा, ‘बुआ, आपको घूमकर आने-जाने में बहुत तकलीफ होती है न, आप दोनों बुआ को पैसों की बहुत कमी है न, पूरी दुनिया में आपको रहने के लिए घर नहीं मिलता। दीदी, आपकी तबियत ठीक नहीं रहती है, इसलिए आप सभी लोग अच्छे से खुश रहना। एटीएम है, पासवर्ड है, 20 हजार रुपए निकाल लेना। जितना होता है, करना। आप लोगों को हमारे ऊपर पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है।’ भाई ने ट्रेन से कटने की कोशिश की 20 दिन पहले नितिन घर पर बिना कुछ बताए चला गया था। शिखा ने इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट गोहलपुर थाने में की थी। घर लौटे नितिन साहू ने पुलिस को बताया कि वे दोनों बुआ और उनके परिवारवालों से इतना परेशान हो गए थे कि आत्महत्या करने का विचार आ गया। एक बार ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन बाद में सोचा कि अगर मर गया तो फिर बूढ़ी मां और बहन का क्या होगा। इसके बाद महाराष्ट्र के आश्रम मलेल्श्वरी में जाकर रहने लगा। पूरी तरह से टूट गया था। सोचा था कि कुछ दिन आश्रम में रहकर खुद को संभालूंगा, फिर सारी जायदाद को छोड़कर अपनी मां और बहन को लेकर कहीं चला जाऊंगा। क्या कहती है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि श्यामा साहू दो साल से बीमार थीं। पहले उनकी सेवा बेटा करता था, घर आने पर शिखा ने जिम्मेदारी संभाल ली थी। नितिन के अचानक घर छोड़कर जाने पर मां-बेटी परेशान हो गईं। श्यामा साहू की तबीयत और बिगड़ गई। शिखा ने अपनी चाची को फोन लगाकर बताया। कहा कि कभी भी एम्बुलेंस की जरूरत पड़ सकती है। चाची ने उन्हें हिम्मत दी। पुलिस का मानना है कि श्यामा की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई होगी। इसके बाद शिखा को लगा होगा कि भाई घर छोड़कर चला गया, मां की भी मौत हो गई, अब मेरा जीकर क्या फायदा। यही सोचकर शिखा ने उसी कमरे में फांसी लगा ली। पति से तलाक होने पर मायके आ गई थी शिखा नितिन के पिता प्रभात साहू वन विभाग से रिटायर थे। 2018 में नितिन और उनकी मां श्यामाबाई अहमदाबाद स्थित आशाराम बापू के आश्रम में जाकर रहे। 2020 में प्रभात की मौत के बाद ही दोनों जबलपुर आ गए। 2002 में शिखा की शादी जबलपुर के प्रमोद साहू से हुई थी। 15 साल से प्रमोद पुणे एलआईसी में जॉब कर रहे हैं। उनका 18 साल का बेटा अंकित साहू है। अक्सर झगड़े होने पर शिखा और प्रमोद एक-दूसरे से तलाक के लिए कोर्ट गए। जुलाई 2023 में दोनों का तलाक हो गया। बेटा अंकित पिता के साथ रहता है। एक साल तक शिखा पुणे के महिला सुधार गृह में रही। जून 2024 में जब नितिन को पता चला कि छोटी बहन का तलाक हो गया और वह घर से बाहर रह रही है, तो वे उसे अपने साथ जबलपुर ले आया था।