सतना नगर पालिक निगम के महापौर योगेश ताम्रकार ने सरकार के ऑनलाइन टेंडर सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। मेयर का मानना है कि ऑनलाइन टेंडर और रेट के कॉम्पिटिशन के कारण काम की क्वालिटी खराब हो रही है, निर्माण कार्य घटिया हो रहे हैं। महापौर योगेश ताम्रकार मंगलवार को मीडिया कर्मियों के साथ शहर के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के अवलोकन के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर नगर निगम स्पीकर राजेश चतुर्वेदी पालन, कमिश्नर शेर सिंह मीणा, ईई अरुण तिवारी एवं डिप्टी कमिश्नर भूपेंद्र देव परमार भी मौजूद रहे। महापौर योगेश ताम्रकार ने कहा कि शहर के विकास को लेकर हमारी भावना पवित्र और इच्छा शक्ति भी दृढ़ है। हम यह जानते हैं कि कुछ प्रोजेक्ट्स के कारण जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जबकि कुछ गलतियां भी हैं। कई काम ऐसे भी हुए हैं जिनके कारण सतना नगर निगम का नाम न केवल स्टेट बल्कि नेशनल लेवल पर भी हुआ है लेकिन उन कुछ कमियों-खामियों के कारण वो काम दब कर रह गए हैं। हम उन गलतियों को सुधारने का प्रयास भी निरंतर कर रहे हैं। महापौर ने माना कि सीवर प्रोजेक्ट के कारण जनता बेहद परेशान हैं लेकिन शहर और जनता की जरूरत के हिसाब से ये काम जरूरी भी है। प्रोजेक्ट को शीघ्रता से पूर्ण कराने की कोशिश की जा रही है। सड़कों के रिस्टोरेशन को गति दी गई है। हमारी कोशिश है कि दीवाली तक जय स्तंभ चौक-टिकुरिया टोला के बीच नई सड़क बना दी जाए, बगहा में भी नगर निगम के हिस्से के पैच का काम बारिश के बाद शुरू करा दिया जाएगा। जहां भी घटिया निर्माण या रिस्टोरेशन की शिकायतें आ रही हैं उन पर एक्शन लिया जा रहा है। बोले- नगर वन, लेक नेक्टर झील का काम लगभग पूरा
मेयर ने विकास कार्य गिनाते हुए बताया कि नगर वन, लेक नेक्टर झील का काम लगभग पूरा हो चुका है। अमौधा तथा संतोषी माता तालाब समेत 10 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया गया है। व्यंकटेश लोक बनकर तैयार है। महदेवा में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बन चुका है जबकि अगले दो महीने में दो और प्लांट भी चालू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि शहर की भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए नए एनीकट और फिल्टर प्लांट के लिए स्थान चिह्नित कर 34 करोड़ के टेंडर निकाल दिए गए हैं ताकि बरगी के पानी से भी शहर में जला पूर्ति की जा सके। इसके बाद लोगों को सुबह-शाम 2-2 घंटे पानी दिया जा सकेगा। नगर निगम सतना ने प्रतिमाह 5 लाख रुपए के बिजली बिल की बचत की है और ऐसा करने वाला सतना नगर निगम प्रदेश का पहला निगम है। पर्यावरण के लिहाज से 15 अगस्त को एक ही दिन में शहर में 11 हजार के लक्ष्य के मुकाबले साढ़े 12 हजार पौधे रोपे गए हैं। ट्रैफिक सिस्टम में सुधार के लिए आईटीएमएस प्रोजेक्ट चालू हो चुका है जो अपराधों के खुलासे में भी मददगार साबित हो रहा है। नगर निगम के निर्माण कार्यों की क्वालिटी पर लगातार उठते सवालों पर मेयर ने कहा कि ऑनलाइन टेंडर होने से कॉम्पिटिशन में लोग कम रेट पर काम लेते हैं और फिर घटिया निर्माण करते हैं। ऐसे में निगम के पास घटिया निर्माण पर एक्शन लेने, उसे तुड़वाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। हालांकि मॉनिटरिंग के लिए इंजीनियरों और कन्सलटेंसी एजेंसी की जिम्मेदारी और उन पर कार्रवाई से संबंधित सवाल का जवाब उन्होंने निगमायुक्त पर टाल दिया। मेयर ने माना कि सतना शहर में साढ़े 5 करोड़ की लागत से बनाया गया साइकिल ट्रैक अनुपयोगी है और इसे बनाने में सिर्फ पैसे बर्बाद हुए हैं। शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था से संबंधित प्रश्न के उत्तर में महापौर ने कहा कि पिछले दिनों बिजली की समस्या के कारण जलापूर्ति प्रभावित हुई है लेकिन इसके समाधान के लिए डीजी सेट मंगा लिए गए हैं। अगले एक पखवाड़े में व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी। अतिक्रमण के मुद्दे पर मेयर ने कहा कि हम जनता और व्यापारियों से सड़क पर उतरकर अपील करेंगे कि वे अपने अवैध कब्जे सड़क से हटा लें ताकि यातायात सुगम हो सके। देखिए फोटोज…