वारंटी में मोबाइल खराब, डैमेज बताकर नहीं बच सकती कंपनी:कंज्यूमर आयोग का फैसला- ब्याज सहित लौटाएं मोबाइल की राशि

Uncategorized

अगर आपका मोबाइल वारंटी में है, और कंपनी सुधारने से सिर्फ इसलिए इनकार कर रही है कि मोबाइल डैमेज है, तो कंपनी को डैमेज साबित करना होगा। नहीं तो सिर्फ डैमेज का कहकर कंपनी बच नहीं सकती। ऐसे ही एक मामले का फैसला जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग भोपाल की बेंच के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पांडे ने सुनाया है। बेंच ने कहा कि कंपनी ने कहीं भी फोन के डैमेज होने का कोई साक्ष्य पेश नहीं किया। जिसके चलते 2 माह की अवधि के अंदर, परिवादी को मानसिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति 5 हजार रुपए, अन्य व्यय के रूप में 3 हजार रुपए दिए जाएंगे। यदि मोबाइल में सुधार संभव नहीं हो तो कंपनी 2 माह की अवधि के अंदर उसी मॉडल का नया मोबाइल अथवा मोबाइल की कीमत 1 लाख 55 हजार 794 रुपए अदा करे। 1.55 लाख में खरीदा मोबाइल होशंगाबाद रोड पर रहने वाले डॉक्टर राघवेंद्र कुमार ने 16 अक्टूबर 2022 को रिलायंस डिजिटल स्टोर भोपाल से सैमसंग गैलेक्सी फोल्ड 4 मोबाइल फोन खरीदा था। जिसकी कीमत 1,55,794 रुपए थी। फोन में वारंटी के दौरान डिस्प्ले में प्राॅब्लम आई। जिसके बाद राघवेंद्र कुमार ने अरेरा काॅलोनी में सर्विस सेंटर में जाकर दिखाया। उन्होंने कहा- केवल माइक्रोफोन से संबंधित समस्या वारंटी में कवर होती है। स्क्रीन से संबंधित समस्या वारंटी में कवर नहीं है। इसके बाद मोबाइल को एमपी नगर स्थित कस्टमर केयर सेंटर में दिखाया गया। वहां बताया गया कि स्क्रीन डिस्प्ले से जुड़ी समस्या वारंटी में कवर नहीं है। यह भी कहा गया कि मोबाइल गिर जाने के कारण उसमें फिजिकल डैमेज हुआ है, जो वारंटी में कवर नहीं है। जबकि, वास्तव में राघवेंद्र कुमार का मोबाइल कभी नहीं गिरा था। इसकी सूचना सैमसंग कंपनी को भी दी गई। उनके द्वारा भी मोबाइल में कोई सुधार कार्य नहीं कराया गया। कंपनी का तर्क-फिजिकल डैमेज से स्क्रीन खराब कंपनी ने इस मामले में कहा कि एक वर्ष की वारंटी निर्माण संबंधी त्रुटि या फॉल्टी वर्क मेंबरशिप के लिए प्रदान की जाती है। जिसके अनुसार, वारंटी अवधि में उत्पाद में सुधार किया जाएगा। परिवादी द्वारा मोबाइल क्रय करने के 7 माह बाद मोबाइल की स्क्रीन में डिस्प्ले संबंधी शिकायत की गई थी। जहां उनके सर्विस इंजीनियर द्वारा निरीक्षण करने पर यह पाया गया था कि मोबाइल की स्क्रीन फिजिकल डैमेज के कारण खराब हुई थी। यह वारंटी में कवर नहीं होती है। जिसके बाद सर्विस इंजीनियर द्वारा परिवादी को बताया गया था कि सुधार का मूल्य अदा किए जाने पर मोबाइल में सुधार किया जाएगा। परिवादी द्वारा सुधार के एस्टीमेट की मांग की गई थी जो उसे उपलब्ध करा दिया था। सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। आयोग ने कहा- काेई फिजिकल डैमेज नहीं परिवादी राघवेंद्र कुमार ने खरीदे गए मोबाइल संबंधित दस्तावेज पेश किए गए हैं, जो कि वारंटी अवधि में उसके मोबाइल में मेन डिस्प्ले, एम्पीयम और रिसीवर समस्या के संबंध में थे। प्रथम दृष्ट्या मोबाइल की भीतरी स्क्रीन में डिस्प्ले संबंधी समस्या है, किंतु फोटोग्राफ्स में काेई फिजिकल डैमेज दृष्टिगत नहीं हो रही है। कंपनी ने अपने जवाब में कहा है कि मोबाइल की एक वर्ष की वारंटी थी, जो निर्माण संबंधी त्रुटि को लेकर थी।वारंटी के अंतर्गत पार्ट्स रिप्लेस कर मोबाइल का सुधार किया जाना था। किंतु, बदलकर नया मोबाइल देने की कोई वारंटी प्रदान नहीं की गई है। अतः कंपनी का यह कथन विश्वास योग्य नहीं है कि, मोबाइल में निर्माण संबंधी त्रुटि नहीं थी, और उसमें फिजिकल डैमेज के कारण समस्या आई थी। जिस सर्विस इंजीनियर द्वारा परिवादी के मोबाइल का निरीक्षण कर कथित जाॅब शीट एवं टेक्निकल रिपोर्ट तैयार की गई, उसका कोई शपथपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया।