महाराष्ट्र में MP के चार बच्चों की मौत:तालाब में नहाने के दौरान डूबे; चारों आपस में थे सगे भाई-बहन

Uncategorized

महाराष्ट्र के तालाब में डूबने से मध्य प्रदेश के चार के बच्चों की मौत हो गई। चारों आपस में सगे भाई-बहन हैं। घटना सोमवार दोपहर को महाराष्ट्र के चालीस गांव ग्रामीण थाना अंतर्गत पिंपरखेड़ गांव की बताई जा रही है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बड़वानी जिले के वरला थाना क्षेत्र के दुगानी के रामजी फलिया निवासी आदिवासी किसान सुभान्या आर्य परिवार के साथ मजदूरी करने जलगांव जिले के पिंपरखेड गांव गया हुआ था। सुभाष आर्य पत्नी सीमा के साथ अपने 6 बच्चों को लेकर मजदूरी करने साथ ले गया था। परिवार में पांच लड़की और एक लड़का था। सोमवार को सुभाष और उसकी पत्नी खेत में काम कर रहे थे। खेत से कुछ दूर बने तालाब में बच्चे नहाने गए थे। सुभाष आर्य बच्चों को तालाब से दूर कर खेत में मजदूरी करने के लिए चला गया था। कुछ देर बाद बच्चे फिर तालाब में नहाने चले गए थे। इन चारों की हुई मौत नहाने के दौरान चारों बच्चों की डूबने से मौत हो गई। चारों बच्चों में तीन लड़की और एक लड़का था। मृतकों में 9 वर्षीय रोशनी, 7 वर्षीय शिवांजलि, 5 वर्षीय आराध्या, 3 वर्षीय आर्यन पिता सुभाष आर्य शामिल है। फिलहाल चालीसगांव ग्रामीण थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू करी है। चारों बच्चों का सोमवार देर शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो बच्चियां संजना (12 वर्ष) और डेढ़ वर्षीय बालिका जीवित बची है। फसल बोवनी के लिए आता है परिवार ग्राम पंचायत दुगानी के सरपंच अशोक आर्य ने बताया कि पीड़ित परिवार मजदूरी के लिए अक्सर महाराष्ट्र में ही रहता था। पीड़ित परिवार की कुछ खेती भी गांव में है। परिवार फसल बोवनी के समय आते हैं। फिर मजदूरी के लिए महाराष्ट्र लौट जाते हैं। सरकार से आर्थिक सहायता की करेंगे मांग ग्राम पंचायत से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने को लेकर अधिकारियों और सरकार से पत्राचार करेंगे। सरपंच अशोक आर्य ने बताया कि महाराष्ट्र के जलगांव जिला कलेक्टर से भी पत्राचार किया जाएगा। घटनास्थल महाराष्ट्र राज्य में है। पीड़ित परिवार भी वहीं मजदूरी करता था। इसलिए महाराष्ट्र शासन से भी पीड़ित परिवार को कुछ आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। मंगलवार को घटना की सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में रिश्तेदार और ग्रामीण पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और यहां अंतिम संस्कार के बाद होने वाले रीति रिवाज को पूरा करने के बाद परिवार सांत्वना दी।