जिले में औसतन लोगों के घरों के बिजली बिल 3 से 5 हजार रुपए तक पहुंच गए है, जिससे लोगों पर बिजली बिलों का भार बढ़ गया है। उपभोक्ताओं को यह भी आशंका है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से उनके यहां पर बिजली बिल की राशि बढ़ गई है। पुराने मीटर की तुलना में चार से पांच गुना तक बिल ज्यादा आ रहे हैं। इसको लेकर जिलेभर में विरोध शुरू हो गया है। दैनिक भास्कर ने बिजली कंपनी के पूर्व कार्यपालन यंत्री अभय जैन से बिजली बिल की राशि ज्यादा आने के बारे में जाना तो उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर मकान या दुकान की जिस दीवार पर लगा है, उस पर नमी आ रही है या घर में अर्थिंग लीकेज हो रही है तो मीटर में रीडिंग ज्यादा काउंट होती है। इससे ज्यादा खपत के बिल जारी हो रहे हैं। दूसरा कारण मीटर की बॉडी व बोर्ड पर के आसपास नमी है तो रीडिंग काउंट होगी यानी बिजली की खपत भले ही कम हो लेकिन मीटर रीडिंग जारी रहेगी। टीवी, पंखे या एसी आदि बिजली उपकरणों का रिमोट भी चालू है तो मीटर में रीडिंग काउंट होगी। इससे लोगों के बिल की राशि बढ़ रही है। बिजली का प्रवाह अधिक होने पर भी डिस्क तेजी से घुमती है, जिसके घूमने की संख्या जितनी अधिक होगी, रीडिंग भी उतनी ही अधिक होगी। ऐसे में उपभोक्ता के यहां पर ज्यादा रीडिंग का बिल आएगा। पुराने मीटर में 150 से 200 यूनिट का बिल आ रहा था तो स्मार्ट मीटर लगने के बाद 400 से 600 यूनिट तक का बिल आने लगा है। कांग्रेस करेगी आंदोलन कांग्रेस के हल्ला बोल आंदोलन में भी बिजली बिल 4 से 5 हजार रुपए आने का मुद्दा उठ चुका है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तो यह तक सलाह दे दी कि जिला कांग्रेस लोगों को साथ में लेकर स्मार्ट मीटर और बिजली बिलों का विरोध करते हुए आंदोलन करें। देवराज जैन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है कि उज्जैन में मोहन सरकार ध्यान दें, उनके गृह नगर में बिजली के सबसे ज्यादा बिल आ रहे हैं। करंट लीकेज तो नहीं हो रहा, ऐसे पता करें
ऐसे उपभोक्ता जिनके घर में स्मार्ट मीटर लगा है और बिजली की खपत यानी रीडिंग ज्यादा आ रही है तो वे अपने घर के सभी स्विच बंद कर दें, जिसके बाद मीटर को देखें। यदि मीटर में लाइट बंद-चालू हो रही है तो करंट लीकेज हो रहा है, जिससे मीटर में रीडिंग काउंट हो रही है। यानी बिजली बंद होने के बाद भी मीटर में रीडिंग दर्ज हो रही है।