वन्य प्राणी अभिरक्षक विभाग:सीमेंट-कांक्रीट के आधुनिक बर्ड टावर नहीं चाहिए, शासन ने लगाई पाबंदी

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पक्षियों के रहने के लिए सीमेंट-कांक्रीट के आधुनिक बर्ड टावर अलग-अलग शहरों में बनाए जा रहे हैं। उज्जैन में भी मंगलनाथ मंदिर समेत तीन जगह बर्ड टॉवर बनाए गए हैं और आगे और भी बनाए जाने की तैयारी की जा रही है, जिस पर वन्य प्राणी विभाग ने रोक लगा दी है। पर्यावरण विदों ने इसका विरोध करते हुए इस तरह के पक्षी घरों को घातक बताया है। इसे लेकर कोर्ट में पिटीशन तक दायर की गई, जिसके बाद शासन ने पक्षी घर अर्थात सीमेंट-कांक्रीट के बर्ड टावर के प्रचलन को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक मप्र शासन ने शुभरंजन सेन ने प्रदेश के शहरों में पक्षियों के लिए बर्ड टावर निर्माण के प्रचलन को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। सबसे पहले सीमेंट के बर्ड टावर को बनाए जाने का विरोध पर्यावरण प्रेमी अभिलाष खांडेकर ने लगाते हुए विरोध में पिटीशन भी लगाई थी। प्रदेश शासन के पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास व आवास विभाग को भी शिकायत की गई थी, जिसके बाद पर्यावरण हित में शासन ने ये कदम उठाते हुए बर्ड टावरों पर रोक लगा दी है। इसकी प्रति मुख्य वन संरक्षक व वन मंडलाधिकारी उज्जैन को भी भेजी गई है, ताकि आगे नए सीमेंट-कांक्रीट के बर्ड टावरों का निर्माण नहीं हो सके। बर्ड टावर में सिर्फ कबूतर दिखेंगे, जो दूसरे पक्षी को रहने नहीं देते कोई भी पर्यावरण विद् सीमेंट-कांक्रीट के बर्ड टावर अर्थात पक्षी घर के पक्ष में नहीं है। सभी का विरोध है, क्योंकि ये पर्यावरण की दृष्टि से बहुत घातक है। पक्षियों को प्राकृतिक घर अर्थात पेड़, नदी, तालाब के किनारे घौंसलों में ही रहने दे। सीमेंट के बर्ड टावर में सिर्फ कबूतर ही दिखाई देंगे। उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर के पास बना बर्ड टावर इसका उदाहरण है। यहां बर्ड टावर बनने के बाद सबसे ज्यादा कबूतर की संख्या बढ़ गई है। कबूतर एक ऐसी प्रजाति है, जो एलर्जिक है व इनकी बीट सबसे ज्यादा घातक होती है। सबसे ज्यादा चिंताजनक ये है कि कबूतर अन्य पक्षियों को अपने पास रहने नहीं देते, बल्कि उन पर हावी होते हैं। इन बर्ड टावर में चिड़िया, तोते, मैना कोई नजर नहीं आएंगे, सिवाय कबूतर के, इसलिए पर्यावरण की दृष्टि से सीमेंट के बर्ड टावर बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इतना पैसा इन पर खर्च करने की बजाय उतने पेड़-पौधे लगा दें, पक्षी इन्हीं पर रहना पसंद करते हैं। आशुतोष पंडित, पर्यावरण विद्