ग्वालियर श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन सोमवार (19 अगस्त) को सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग, बुद्धादित्य योग, लक्ष्मी नारायण योग सहित पांच महायोगों में मनाया जा रहा है। इसी दिन श्रावणी उपाकर्म भी है। भद्रा रविवार-सोमवार की रात 3:05 बजे से प्रारंभ हो गई है, जो सोमवार को दोपहर 1:33 बजे तक रहेगी। इसलिए बहनें अपने भाई को भद्रा काल के बाद ही राखी बांध सकेंगे। वैदिक विद्वानों के अनुसार जरूरी होने पर इससे पहले भी राखी बांध सकती है, लेकिन पहले भगवान को अर्पित कर राखी बांधी जा सकती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि रविवार-सोमवार की रात 3:05 बजे से हो गया है और यह तिथि सोमवार को रात्रि 11:55 बजे तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि सोमवार के दिन उदया तिथि होने के साथ-साथ पूर्ण दिन मान को व्याप्त कर रही है। इसके साथ-साथ ही यह लगभग अर्द्ध रात्रिमान को भी भोगेगी। इसी दिन श्रवण नक्षत्र सुबह 8:10 बजे तक रहेगा। इसलिए निर्विवाद रूप से रक्षाबंधन एवं श्रावणी उपाक्रम सोमवार को ही किया जाएगा। शास्त्रों की ऐसी मान्यता है कि रक्षाबंधन भद्रा रहित काल में मनाना चाहिए। इसलिए सोमवार के दिन दोपहर 1:33 बजे भद्रा समाप्ति के बाद श्रवण कुमार, गणेश जी एवं अपने ईष्ट देवता को रखी बांधने के बाद बहनें अपने भाइयों को एवं गुरु अपने शिष्यों को राखी बांधना प्रारंभ कर सकेंगे।
राशि के अनुसार राखी का रंग अनुकूल रहेगा
मेष-लाल, मेहरून, पीली सफेद, वृष-सफेद, हरा, नीला, मिथुन-हरा, सुनहरी, हल्का नीला, कर्क- सफेद, लाल, मेहरून, पीला, सिंह-सुनहरी, सफेद, पीला, मेहरून, कन्या-हरा, हल्का नीला, तुला-सफेद, नीला, हरा, वृश्चिक-लाल, सफेद, मेहरून, धनु-पीला, सफेद, मकर-नीला, हरा, कुंभ-हरा, नीला, सफेद, मीन-पीला, सफेद, हरा, हल्का लाल।
बाजारों में भी है सुबह से रौनक
रक्षाबंधन के त्योहार को लेकर बाजारों में सोमवार सुबह से ही रौनक है। बहनें भाइयों को लिए रक्षासूत्र खरीद रही हैं। मिठाइयां खरीद रही हैं। भाई अपनी-अपनी बहनों के लिए उपहार खरीद रहे हैं। सोमवार को सुबह से मौसम साफ है इसलिए बाजार में अच्छी खासी भीड़ नजर आ रही है। पिछले दो दिन से ट्रेनों और बसों में भीड़ का आलम सोमवार को भी वैसा ही रहा है। त्योहार पर अपने-अपने घर पहुंचने के लिए निकले लोगों से रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भीड़ है।
सेन्ट्रल जेल में एक साल बाद मनेगा रक्षाबंधन
ग्वालियर सेन्ट्रल जेल में बंद भाइयों को बहनें इस रक्षाबंधन पर टीका कर सकेंगी, लेकिन बाहर की मिठााई अंदर ले जाने की इजाजत नहीं होगी। पिछले एक साल से सेन्ट्रल जेल में खुले परिसर में भाई-बहन की मुलाकात पर प्रतिबंध था। इस कारण पिछला रक्षाबंधन के बाद दीपावली व होली की दौज पर भी बहनों ने बाहर से ही भाइयों को देखकर मन को समझा लिया था। पर इस बार आदेश आ गए हैं और भाई-बहन पहले की तरह खुले परिसर में मिल सकेंगे और बहनें अपने भाइयों को टीका कर राखी बांध सकेंगी।