बालाघाट जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर ग्राम नैतरा में विगत 15 दिनों से पालतू पशु बकरियों की रहस्यमयी मौत से पूरा गांव खौफ में है। ग्रामीणों के अनुसार यहां कोई जानवर, रात के अंधेरे में बकरियों की गर्दन से खून पीकर चला जाता है। जिसके दूसरे दिन ग्रामीणों को बकरियां मृत हालत में मिल रही है। ग्रामीणों के अनुसार अब तक लगभग 50 से ज्यादा बकरियों को अज्ञात जानवर, अपना निशाना बना चुका हैं। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। रविवार को गांव में जब पांच बकरियां, एक साथ मृत मिली, तो ग्रामीणों ने इसकी खबर वन विभाग को दी। इसके बाद बालाघाट परिक्षेत्र अधिकारी और उड़नदस्ता प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी धर्मेन्द्र बिसेन ने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में अधीनस्थ अमले के साथ निरीक्षण किया। जहां वन विभाग की टीम को कुत्तों के पग मार्क मिले है। वन परिक्षेत्र अधिकारी धर्मेन्द्र बिसेन ने ग्रामीणों से कहा कि यदि कोई वन्य प्राणी, बकरियों का शिकार करते नजर आए, तो उसके फोटो लेकर विभाग को दे। विभाग उनके मवेशियों का मुआवजा देगा। ग्रामीण बोले- हमें होने लगा अपनी जान का खतरा ग्रामीण अमित लिल्हारे बताते कि ग्राम नैतरा के चारों ओर करीब 5 किमी दुर तक कोई जंगल नहीं हैं। वह शहर से लगा ग्राम हैं, जिसमें करीब 100 किसान निवासरत हैं। जिन्होंने अपनी आय के लिए साधन पालतू मवेशी बकरी को पाला है। लेकिन, बीते पखवाड़े से हो रही इस घटना से दर्जनों घरों से 50 से ज्यादा बकरे-बकरियों की माैत हो चुकी है। गांव की देवकी बाई उईके ने बताया कि उसके घर के बाहर बंधी 5 बकरियों को अज्ञात जानवर ने अपना निशाना बनाया। दूसरे दिन परिजनों ने देखा तो सभी पांच बकरे, बकरियां मृत मिली। जिससे अब लोगों को अपनी जान का खतरा पैदा हो गया है। मौके पर मिले कुत्तों के पगमार्क मामले में ग्रामीण थाना प्रभारी ने बताया कि उन्हें भी ग्रामीणों से जानकारी मिली हैं कि रात में बकरियों का कोई खून पी रहा है, और सुबह बकरियां मृत अवस्था में मिल रही है। वहीं वन परिक्षेत्र अधिकारी धर्मेन्द्र बिसेन ने बताया कि विगत 15 दिनों से नैतरा ग्राम में यह घटना चल रही है। मौके पर तीन अलग-अलग प्रकार के कुत्तों के पगमार्क मिले है। उन्होंने बताया कि इसमें अलग-अलग मवेशियों और उनकी हालत के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है। बकरियों के केस में अधिकतम तीन हजार रूपए का मुआवजा दिया जाता है।