नकली जन्म प्रमाण पत्र बनाने की मिल रही थी शिकायत:प्रशासन ने मौके कार्रवाई कर सामान और दस्तावेज को किया सील

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शाजापुर के जिला अस्पताल में दो वर्षों से बिना अनुमति के चल रहे कियोस्क सेंटर को सोमवार को प्रशासन ने शिकायत के बाद वहां से हटाया। एक महिला और दो लड़कियों द्वारा यहां टपरी में कियोस्क सेंटर चलाया जा रहा था। जिसमें फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र बनाएं जा रहे थे। जन्म प्रमाण पत्र नकली बनाने की शिकायत लगातार जिला प्रशासन को मिल रही थी। इस कियोस्क सेंटर पर 500 रूपए से लेकर 1500 रूपए में मध्यप्रदेश के किसी भी शहर का जन्म प्रमाण पत्र बन जाता। जन्म प्रमाण पत्र पुरानी तारीख में भी बना देते। जन्म प्रमाण पत्र बनाने का यह खेल स्वास्थ्य विभाग के कुछ लोगों की मिलीभगत से हो रहा था। जिला अस्पताल के परिसर के अंदर मुख्य द्वार के पास बिना अनुमति के यह कियोस्क सेंटर दो वर्षों से संचालित हो रहा था और यहां धड़ल्ले से फर्जी तरीके से जन्म प्रमाण पत्र जारी हो रहे थे। शाजापुर में केवल जिला अस्पताल में ही जन्म प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं, इसी का फायदा जिला अस्पताल में कियोस्क सेंटर डालकर उठाया जा रहा था। जन्म प्रमाण पत्र के लिए अधिकांश लोग जिला अस्पताल के इस कियोस्क सेंटर पर संपर्क करते, बहुत कम लोग विभागीय कार्यालय में पहुंचते। शिकायत पर प्रशासन की टीम ने कार्रवाई की
जिला अस्पताल में नकली जन्म प्रमाण पत्र बनाने की शिकायत लगातार जिला प्रशासन को मिल रही थी। सोमवार को नायब तहसीलदार और टीम द्वारा टपरी में संचालित किए जा रहे कियोस्क सेंटर को वहां से हटाने की कार्रवाई की। प्रशासनिक अधिकारियों ने टपरी में रखा कम्प्यूटर, प्रिंटर सहित अन्य सामान को जब्त कर लिया। वहां से बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों में नकली जन्म प्रमाण पत्र भी शामिल हैं। मामले में नायब तहसीलदार नाहिद अंजूम ने बताया हमे सूचना प्राप्त हुई थी जिला अस्पताल में बिना अनुमति के कियोस्क सेंटर संचालित किया जा रहा है। यहां आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। सूचना पर आज कार्रवाई कर यहां से टपरी को हटाया गया। टपरी में से मिले सामान और दस्तावेजों को सील किया गया है। जांच के पश्चात कार्रवाई की जाएगी। जिला अस्पताल से बताया गया इस कियोस्क को अनुमति नहीं दी गई थी।