देशभर में आज राखी का त्यौहार मनाया जाएगा। बहनें अपने भाइयों की कलाइयां पर रक्षा सूत्र बांधेंगी और भाई उनकी रक्षा का संकल्प दोहराएंगे। खास बात यह कि इस बार भी इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में सबसे बड़ी राखी अर्पित की जाएगी। रविवार को बाजार देर रात तक गुलजार रहा। रक्षा बंधन की चमक हर ओर बिखरी रही। वहीं इस बार अगस्त में ज्यादा बारिश नहीं होने के चलते एक हफ्ते से बाजारों में अच्छी ग्राहकी रही। राखी के एक दिन पहले रविवार की छुट्टी होने से अधिकांश बाजार खुले रहे और खूब रौनक रही। बहनों ने अपने भाइयों के लिए मनपसंद राखी ली। सबसे ज्यादा भीड़ राखी, कपड़े, मिठाइयों, कॉस्मेटिक दुकानों पर रही। शहर की अनेक बाजारों में रक्षा बंधन की दुकानें लगाई गईं हैं। सड़कों के किनारे लगी दुकानों पर महिलाएं राखी की खरीदारी करती दिखाई दीं। राखी का माहौल राजबाडा, खातीपुरा, मारोठिया, आड़ा बाजार, कपड़ा बाजार, सराफा, अन्नपूर्णा रोड, छावनी, विजय नगर, पाटनीपुरा, मालवा मिल सहित कई क्षेत्रों में देखने को मिला। सबसे ज्यादा भीड़ राखियों की दुकानों पर थी। यहां बच्चों ने हमेशा की तरह कार्टून, लाइट, क्रिकेटर की फोटो वाली राखियां खूब पसंद की और खरीदी। इनकी कीमत 50 रु से डेढ़ सौ रुपए तक रही। सबसे ज्यादा छोटी और मध्यम साइज वाली राखियों की खरीदी हुई। बाजारों में इस बार स्थायी दुकानों के अलावा अस्थाई दुकानें, फेरी वालों के पास राखियों की डिमांड रही। इन लोगों के पास रेशमी, छोटी, फुंदे वाली, सादी रेशम वाली डोर की बिक्री ज्यादा रही। किसी ने ट्रेडिशनल राखी तो किसी ने गिफ्ट में खरीदे कपड़े डॉ. सारिणी ने बताया कि वे हमेशा भाई को ट्रेडिशनल पैटर्न की राखी बांधती है। इस बार भी उन्होंने ऐसी ही राखी खरीदी। नेहा ने अपने भाई के लिए जींस-टी शर्ट गिफ्ट के लिए खरीदा। दुकानदार फैजल शेख ने बताया कि इस बार भी युवाओं में टी शर्ट-जींस का क्रेज है। इस बार पिछले सालों से ज्यादा ग्राहकी है। दुकानदार दिनेश बालचंदानी ने बताया कि इस बार राखी का क्रेज पहले से ज्यादा रहा। डोरी और लुम्बा राखियां ज्यादा बिकी। सराफा दुकानदार पंकज जैन ने बताया कि इस बार चांदी की राखियां 3 ग्राम से लेकर 50 ग्राम तक की खरीदी गई। इसकी कीमत 200 रु. से शुरू होकर 2 हजार रु. तक की है। मक्खन बड़ा, मावे, फैनी, घेवर के साथ चाकलेट वाली मिठाइयां मिठाई विक्रेता प्रकाश राठौर ने बताया कि इस बार पारंम्परिक मावा और घी की मिठाइयों की डिमांड अधिक है। मक्खन बड़ा, घेवर, फैनी बेसन चक्की लोगों ने खूब खरीदी। खास बात यह है कि अब बच्चों के साथ बड़ों ने भी बाइट वाली, चॉकलेट वाली मिठाइयों की खरीदी की। ऐसी मिठाइयों का चलन बढ़ा है। एक अन्य मिठाई दुकानदार वरदीचंद पुरोहित ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी मिठाइयां खूब बिक रही है। ज्यादातर मावे की मिठाइयां पसंद की जा रही है जो 400 रु. किलो है। इसके अलावा गुलाब जामुन, मावा बाटी, बेसन के लड्डू, बेसन चक्की की भी ग्राहकी है। मिठाइयों की खरीदी का दौर जन्माष्टमी तक खूब चलेगा। इस बार नारियल की बिक्री हमेशा की तरह रही लेकिन भावों में मंदी रही। बाजार में 15 रु. से लेकर 20 रु. नारियल का भाव रहा।