लखेरापुरा स्थित 250 साल पुराने श्रीजी मंदिर में श्रावण मास में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। रविवार को प्रभु श्रीनाथ जी को मचकी का झूला झुलाया गया। मंदिर के मुखिया श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रभु श्रीनाथजी का रूपाली जारी के वस्त्र, सिर पर मोर मुकुट एवं सोने के आभूषणों से शृंगार किया गया। संध्या काल में प्रभु को 18 फीट ऊंचे रस्सी से बने झूले में विराजमान किया गया। इसी को मचकी का झूला भी कहते हैं। शर्मा ने बताया कि इस झूले को पेड़ों के मध्य रस्सी से बनाया जाता है। कपड़े एवं पुष्पों से निर्मित इस झूले में प्रभु को विराजमान कर “छबील गोपाल झूले छबील हिंडोलना” कीर्तन गाया गया। उन्होंने बताया कि सोमवार को मंदिर में राखी उत्सव मनाया जाएगा। प्रातः काल भद्रा होने के कारण प्रभु को शाम 5 बजे शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाएगी। उसके बाद प्रभु कांच के झूले में विराजमान होंगे। वहीं 23 अगस्त को प्रभु इस वर्ष अंतिम बार झूले में विराजमान होंगे। तब तक रोज झूले का उत्सव मनाया जाएगा।