विदिशा में शादी के नाम पर युवक के साथ ठगी का मामला सामने आया है। युवक ने पुलिस में रविवार को शिकायत करके अपने पैसे वापस दिलाने की मांग की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है। राजगढ़ जिले का रहने वाले राकेश खेतीबाड़ी का काम करता है। वह दो भाई है। उसके बड़े भाई की शादी हो गई और उनके बच्चे है। राकेश की शादी नहीं हो पा रही थी। राकेश की मुलाकात शैतान सिंह नाम के एक व्यक्ति से होती है जिसने बातचीत के दौरान राकेश को बताया कि विदिशा में अंजलि विश्वकर्मा नाम की एक विधवा महिला है। उसके पिता नहीं है। महिला की शादी होना है। शैतान ने राकेश को अंजली से शादी करवाने का भरोसा दिया। 12 अगस्त को अंजली को देखने के लिए राकेश अपने परिजनों के साथ आया , जहा अंजली के ताऊ मोबत सिंह और फूफा रघुवीर सिंह लोधी से मिलवाया। रघुवीर सिंह ने राकेश से कहा कि अंजली की मां बहुत गरीब है। इस वजह से शादी का खर्चा उसे उठाना पड़ेगा। अंजली की मां के सामने राकेश ने 1 लाख 70 हजार रुपए दिए । राकेश ने बताया कि वह और अंजली बेतवा नदी पर स्थित एक मंदिर पहुंचे। जहां भगवान के दर्शन करके प्रसाद चढ़ाया और कार में एक दूसरे को माला डाल दी थी। राकेश शादी के बाद खुश था वह अपने गांव पहुंचा। पर घर पर अंजली उससे कम बात करती। दो दिन के बाद ही अंजली रक्षा बंधन घर जाने की जिद करने लगी। राकेश ने माना कर दिया तो अंजली ने 100 डायल करके पुलिस में शिकायत कर दी। राकेश ने उसको बंदी बनाकर रखा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अंजली को अपने साथ थाने ले गई। जहां राकेश ने खुजनेर थाने में पहुंचकर पूरी बात बताई। पूरा मामला सुनने के बाद पुलिस ने पति पत्नी को समझकर वापस कर घर भेज दिया। आज राकेश अंजली को लेकर विदिशा आया और रिश्तेदारों के घर गया जहां ताला लगा हुआ था। शैतान का मोबाइल बंद था। कोई रिश्तेदार नही मिलने पर राकेश को ठगा जाने का एहसास हुआ। वह महिला को लेकर सिविल लाइन थाने पहुंचा। जहां उसने पुलिस में शिकायत करके अपने रुपए वापस दिलाने की मांग की ।
पुलिस ने जब महिला से पूछताछ की तो महिला विदिशा तो कभी भोपाल तो कभी कागपुर का रहना बता रही थी। वही उसके पास मिले आधार कार्ड पर अलग नाम था। जबकि महिला अपना नाम अलग बता रही थी।
पुलिस का कहना है कि युवक ने आवेदन दिया है मामले की जांच की जाए।