शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए अफसर कागजी घोड़े कैसे दौड़ाते हैं, इसका सबसे बड़ा प्रमाण नगर की सड़कों पर घूमते आवारा पशु हैं। नगर निगम को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक 1550 आवारा पशु शहर की सड़कों पर विचरण कर रहे हैं। यह डेयरियों के पशुओं से अलग हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो औसतन हर वार्ड में 30 से 40 आवारा पशु टहलते रहते हैं। कुछ वार्ड में इनकी संख्या 50 से 70 तक है। नगर निगम ने 1 अप्रैल 2023 से सागर को पशु विचरण मुक्त शहर घोषित कर दिया था। इसके बाद डेयरियों और आवारा पशुओं को बाहर करने की मुहिम चली। डेयरियां शुरुआत में बाहर हुईं लेकिन 100 से अधिक वापस भी लौट आईं। वजह यह रही कि शुरुआत में जो सख्ती निगम ने दिखाई, वह बीते 5 माह से ठप है। निगम के अमले ने बीते 150 दिन में 100 पशु भी बाहर नहीं किए। रोज गोबर के रूप में ही 2 टन कचरा निकल रहा शहर में इन दिनों 90 से 100 टन कचरा निकल रहा है। इसमें 2 टन कचरा डेयरियों का रहता है। जिसमें गोबर से लेकर चारा, भूसा आदि शामिल है। इतना ही नहीं डेयरियों की सफाई के बाद लगभग इतना ही कचरा रोजाना नालियों में भी बहाया जा रहा है, जिससे वे चोक हो रही है। भोपाल से भी आए पशु वाहन, अब फिक्र नहीं शहर सेडेयरियों के पशु और आवारा पशुओं को बाहर करने संभागभर और भोपाल से वाहन तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर आए थे। इनसे 5500 से अधिक पशु बाहर किए गए। जब कुछ ही पशु रह गए तो मुहिम ठंडी पड़ गई। अब पहले जैसी फिक्र निगम को नहीं होती। बाजार में हर समय खतरा, जाम लग रहा शहर की ऐसी कोई भी सड़क नहीं है जिस पर आवारा पशुओं का जमावड़ा न हो और विचरण न रहता हो। रक्षाबंधन के चलतेबाजार में रौनक है। लोगों को बेतरतीब ट्रैफिक के साथ ही आवारा पशुओं के विचरण, उन्माद में दौड़ने, उनके आपस में लड़ने के चलते हर समय खतरा बना रहता है। कटरा बाजार में हमेशा मवेशियों का जमावड़ा रहता है। उन्हें यहां से कोई हटाता भी नहीं है। दावा: टीम बना ली है, 20 से रोज पशु बाहर होंगे निगमायुक्त राजकुमार खत्री का कहना है कि आवारा पशुओं को बाहर करन हमने राजघाटे बांध के पास जगह विकसित कर ली है। 20 अगस्त स आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहिम शुरू करत हुए शहर के बाहर करेंग। 20 सितंबर तक सभी पशुओं को बाहर करेंग। इसके लिए 12 सदस्यीय एक टीम भी बनाई है।