आज सीवन नदी के तट से कुबेरेश्वरधाम तक 11 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। सुबह 9 बजे शुरू हुई यात्रा में अभी लगभग 3 लाख लोग शामिल है। यात्रा सीवन नदी तट से शुरू हुई है, जो जगदीश मंदिर, कोतवाली चौराहा, मेन रोड, इंदौर नाके, सोया चौपाल होते हुए धाम पर पहुंचेंगी। इस यात्रा का आयोजन कथावाचक पंडित मिश्रा ने किया है, वो खुद भी इस यात्रा में शामिल हैं। देश के कई हिस्सों से लोग यहां पहुंचे हैं। वहीं महाराष्ट्र के अमरावती से करीब 500 कांवड़िए पैदल ही सीहोर पहुंचे हैं। यात्रा से शहर का पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है। कांवड़िए भजनों पर झूमते हुए यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। यात्रा में 24 से ज्यादा डीजे, बैंड बाजे, डमरू पार्टी भी समेत अनेक झांकियां शामिल है। साथ ही जगह-जगह कांवड़ियों के लिए करीब 200 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं, जो लोगों के स्वागत के साथ पेयजल, नाश्ते की व्यवस्था कर रहे हैं। एक दिन पहले ही शिव भक्ति का सैलाब शिव भक्तों में कावड़ यात्रा को लेकर इतना उत्साह है कि एक दिन पूर्व ही कुबेरेश्वरधाम पर एक लाख से अधिक श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं डेरा डाल लिया था। कुबेरेश्वधाम पर आने वालों के कारण रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड सहित अन्य स्थानों पर भीड़-भाड़ नजर आई। साथ ही शहर सहित आस-पास के धर्मशाला, होटल और लॉज फुल हो चुकी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति ने बताया कि यात्रा को लेकर गुरुदेव के निर्देशानुसार क्षेत्रवासी और सभी समाजजन अपने-अपने स्तर से लगे हुए। कावड़ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल है। श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध घी का हलवा और फलहारी खिचड़ी वहीं यात्रा के आयोजन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर विठलेश सेवा समिति सहित क्षेत्रवासियों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की थी। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र के सभी समाज के लोगों ने यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए पोहा, नाश्ता, पेयजल, भोजन आदि की निशुल्क व्यवस्था की। यात्रियों के लिए 10 क्विंटल शुद्ध घी का हलवा, 30 क्विंटल से ज्यादा फलहारी खिचड़ी का इंतजाम किया गया है।वहीं शहर के शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में भीश्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है। तस्वीरों में देखें कांवड़ यात्रा…