पुलिस ने शुरू किया प्रयास एक कोशिश अभियान:किशोरियों के पलायन और शोषण को रोकने संगठनों को जोड़कर नई पहल

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जिले में बढ़ते नाबालिग बच्चों के पलायन और शोषण को रोकने के लिए बैतूल पुलिस ने आज प्रयास “एक कोशिश” अभियान की शुरुआत की। आदिवासी अंचल भीमपुर से इस पहल का आगाज किया गया। शुभारंभ में प्रशासन के कई विभाग,स्वयं सेवी और समाजसेवी संगठन शामिल हुए। इस अभियान का खाका एसपी निश्चल एन झरिया और एएसपी कमला जोशी ने तैयार किया है। अभियान को प्रयास नाम दिया गया है। इसका पहला आयोजन आज भीमपुर के मंगल भवन में किया गया। जिसमे करीब 600 बालिकाए मौजूद रही। जबकि बड़ी तादाद में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ शामिल हुई।जिन्हे इस अभियान में प्रेरणा दीदी नाम दिया गया है। आज के इस प्रथम आयोजन में प्रदीपन संस्था कि मुख्य भूमिका रही । साथ ही पुलिस विभाग,महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिम जाति कल्यान विभाग,आवाज संस्था, जनसाहस संस्था, ग्राम भारती मण्डल,आशा कार्यकर्ता, आंगनबाडी कार्यकर्ता समाजसेवी संगठन, एनजीओ और समाजसेवी शामिल हुए। यह है प्रयास एक कोशिश अभियान एसपी निश्चल एन झारिया और एएसपी कमला जोशी ने इस नए कार्यक्रम की आधारशिला रखी है। जिसमे हर गांव में 14 से 18 साल उम्र की लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रेरणा दीदियां काम करेंगी। जिसमे गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,सहायिका मुख्य भूमिका में होंगी। जबकि सामाजिक और स्वयं सेवी संगठन की महिला कार्यकर्ता इस कोशिश से जुड़ेगी।इस कार्यक्रम का नाम “प्रयास” दिया गया है। इन प्रेरणा दीदियों का पुलिस से सीधा संपर्क रहेगा। कार्यक्रम का खाका तैयार करने वाली एएसपी कमला जोशी ने बताया की कार्यक्रम के तहत गांव की सभी14 से 18 आयु वर्ग की बालिकाओं जिनमें स्कूल, कालेज के अलावा ड्रॉप आउट बच्चियां भी शामिल है। उनका हर गांव का डेटा बेस महिला बाल विकास विभाग की मदद से तैयार किया जा रहा है। विभाग अगले एक महीने में यह सूची पुलिस से शेयर करेगा। बच्चियों के भटकाव को दूर करने का प्रयास एसपी निश्चल झारिया ने बताया की “प्रयास” कार्यक्रम के तहत खासतौर पर ग्रामीण इलाको में बालिकाओं के भटकाव,उन्हे बहला फुसला कर अपहृत करने, झांसा देकर दुष्कर्म जैसी घटनाओं,काम के बहाने बाहर ले जाने की वारदातो,मानव दुर्व्यापार के प्रति जागरूक करने का अभियान है। जिसका पूरा मॉडल तैयार है। इसकी शुरुआत अगले ,17 अगस्त को भीमपुर से की जाएगी। अगस्त के पहले सप्ताह में इस कार्यक्रम को लेकर कई सामाजिक संगठनों,एनजीओ ,विभाग और समूहों से चर्चा कर इसे अंतिम रूप दिया गया है। एक एक बच्चे से संपर्क साधने का प्रयास एएसपी श्रीमती जोशी के मुताबिक कार्यक्रम का उद्देश्य यही है की एक एक बच्ची तक पहुंचकर उससे संपर्क बनाया जा सके। महिला और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए स्थानीय स्तर पर ही सहायता का ऐसा मॉडल हो जो सीधे पुलिस से जुड़ा रहे। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आशा की मदद से अपराध पर अंकुश लगाया जाएगा। इन्हे ही प्रेरणा दीदी बनाया जाएगा। वे सतत बालिकाओं के संपर्क में रहेंगी। जबकि दीदियां पुलिस को इसका फीड बैक देंगी। एनजीओ ले रहे अपने क्षेत्रों की जिम्मेदारी इस अभियान से जुड़ने वाले एनजीओ,आजीविका मिशन के समूह, सामाजिक संगठन अपने अपने क्षेत्रों में इस अभियान से जुड़ेंगे। अब तक संस्था प्रदीपन, भारती महिला मंडल,जिला सैनिक कल्याण की महिला विंग,राष्ट्र रक्षा समिति,आजीविका मिशन, जन साहस, जन अभियान परिषद,वन स्टॉप सेंटर,महिला बाल विकास विभाग , जयस इस अभियान से जुड़े है। वन टू वन चर्चा से जानेंगे समस्या प्रेरणा दीदी अपने क्षेत्र की बालिकाओं से वन टू वन उनकी समस्याओं पर चर्चा करेंगी। उनकी समस्या जानेंगी। एक तय तिथि पर इस अभियान से जुड़े संगठन कार्यक्रम आयोजित करेंगे।जिसमे जन जागरुकता के लिए बालिकाओं,महिलाओ को ऐसे पुराने मामलो की केस स्टडी, क्लिपिंग दिखाई जाएगी । महिला संबंधी अपराधो से बचने उन्हे कैसे,कब,कहां क्या करना है।इसकी समझाइश दी जाएगी। आजीविका से जोड़ने की कोशिश भी होगी पुलिस के इस सामूहिक प्रयास के तहत आपराधिक मामलों पर ही नहीं बल्कि बालिकाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल भी की जाएगी। इसमें स्वयं सेवी संगठनों, आजीविका मिशन के जरिए सिलाई, कढ़ाई, बुनाई जैसे रोजगार संबंधी प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। जिससे वे सशक्त होकर अपने पैरो पर खड़े हो सके। आर्थिक स्तर पर खुद सक्षम बन सके। ये होगा फायदा गांव की महिलाएं इससे जागरूक होंगी। आस-पास हो रहे अपराध अब दब नहीं पाएंगे। महिलाओं का दल नशा मुक्ति, भ्रूण हत्या, बाल श्रम, बाल विवाह आदि कुरीतियों के विरुद्ध भी कदम उठा सकेगा। महिलाओं में पुलिस तक पहुंचने की हिचक और पुलिस का खौफ भी दूर हो सकेगा। पुलिस को सूचना तंत्र मजबूत करने के लिए नया नेटवर्क मिलेगा।