पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म, जघन्य हत्या के विरोध में निजी, सरकारी डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन कर मौन रैली निकालकर तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से सेवासदन महाविद्यालय से शनवारा चौराहा तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया। शनवारा चौराहा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला दहन किया गया। एबीवीपी की ज्ञानेश्वरी ठाकुर ने कहा- लेडी डॉक्टर के साथ शर्मसार घटना हुई। यह सब कुछ हो रहा है ममता बनर्जी सरकार बचाने में लगी है। हत्यारों को फांसी की सजा होना चाहिए। निजी, सरकारी डॉक्टर्स ने मिलकर किया विरोध
जिले के निजी और सरकारी डॉक्टर्स ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता की घटना का मिलकर विरोध किया। सभी रैली के रूप में तहसील कार्यालय पहुंचे। तहसीलदार रामलाल पगारे को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स, सरकारी डॉक्टर्स, ट्रेनी डॉक्टर्स शामिल रहे। सभी एकमत से पश्चिम बंगाल की घटना पर आक्रोश जताया। जिला अस्पताल आरएमओ भूपेंद्र गौर ने बताया ओपीडी बंद रखकर विरोध जताया गया। डॉक्टरों ने कहा सरकार को चेताना चाहते हैं कि डॉक्टरों की सुरक्षा की व्यवस्था की जाना चाहिए। निजी, सरकारी सभी की सिक्यूरिटी सरकार की जिम्मेदारी है। इमरजेंसी सेवाएं शुरू है इसमें किसी को खुशी नहीं है। हमारी सुरक्षा खतरे में हैं इसलिए यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। आईएमए के बैनर तले नीमा, जनरल प्रैक्टिशनर एसोसिएशन, यूनानी एसोसिएशन सभी मिलकर आज यहां विरोध प्रदर्शन करने आए हैं। नीमा एसोसिएशन के डिस्ट्रिक्ट प्रेसीडेंट डॉ. अनिल प्रसाद ने कहा हमारी मांग है कि देश की बेटियों की सुरक्षा के साथ ही डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सीएमएचओ बोले-जिला अस्पताल में 8 अतिरिक्त डॉक्टर्स की व्यवस्था की
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सिसौदिया ने बताया डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण जिला अस्पताल में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के 8 डॉक्टर्स को बैठाया गया। उन्होंने ओपीडी में मरीजों को देखा। हालांकि दिक्कत तो आई, लेकिन इमरजेंसी में कोई समस्या नहीं आई। इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गई। देखिए फोटोज…