प्रदेश सहित खंडवा में भी डॉक्टर्स कामबंद हड़ताल पर हैं। शनिवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, एमआर एसोसिएशन सहित प्राइवेट सेक्टर सभी डॉक्टर्स ने भी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का समर्थन किया। इस दौरान डॉक्टरों ने सभी तरह की सेवाएं बंद रखीं। इधर, ओपीडी के दौरान मरीजों को परेशान होना पड़ा। वे लोग ओपीडी पर्ची लेकर अस्पताल परिसर में भटकते रहे। बता दें कि, कलकत्ता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर की घटना के बाद से डाक्टर्स आक्रोशित हैं। वे लोग रेप-मर्डर केस की त्वरित जांच कराने, आरोपियों को कठोर सजा दिलाने सहित सेंट्रलाइज्ड सुरक्षा कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टर्स बीते तीन दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कैंडल मार्च भी निकाला गया और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिए गए हैं। अब सभी डॉक्टर्स ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। नंदकुमारसिंह चौहान मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. पंकज जैन का कहना है कि हमारी हड़ताल को मेडिकल फील्ड के सभी संगठनों का सपोर्ट मिला है। हम लोग यहीं चाहते हैं कि डॉक्टरों को कानून के तहत सुरक्षा दी जाए। जो डॉक्टर लोगों की जान बचाने के लिए पूरा जीवन दे रहा है, हर समय लोगों के स्वास्थ्य के लिए लगा रहता है। उसकी जान ली जा रही है, यह कहां तक न्यायोचित है। हमारी मांग है कि, इस जघन्य मामले की उचित जांच हो और आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिले। जूनियर डॉक्टर श्वेता शर्मा, इंटर्न अनामिका शर्मा ने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि डॉक्टरों को अपनी सेफ्टी के लिए प्रोटेस्ट करना पड़ रहा है। जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी के बाद भी आरोपियों को बचाया जा रहा है। हड़ताल के जरिए सरकार से हमारी यहीं मांग है कि सख्त कानून बनाएं और जूनियर डॉक्टर के हत्यारे और दरिंदों को फांसी दिलाएं। इस दौरान डॉक्टर्स ने न्याय दो, न्याय दो के नारे लगाए। स्लोगन के पोस्टर लिखें। हाथों में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। ओपीडी और अन्य जरूरी सेवाएं बंद रहने से मरीज परेशान होते रहे। इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे नरेंद्र नागरे ने बताया कि वह बीमार है, डॉक्टर को दिखाना था लेकिन मेडिसिन विभाग में दरवाजे बंद थे। डॉक्टरों की मांग तो न्यायोचित है। लेकिन परेशानी यह है कि जब डॉक्टर हड़ताल पर हैं तो ओपीडी पर्ची क्यों काटी जा रही है। इधर, शाम 7 बजे सभी डॉक्टर्स कैंडल मार्च निकालेंगे।