ग्वालियर में जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चित कालीन हड़ताल का असर अब अस्पताल की व्यवस्थाओं पर पड़ने लगा है। शनिवार को डॉक्टर हड़ताल पर थे और कैंसर पेशेंट की पत्नी उसे इलाज दिलाने के लिए भटक रही थी। पर न उसे डॉक्टर मिले न ही इलाज। ग्वालियर के खेरा शिशुगढ़ गांव में रहने वाले 26 वर्षीय गिर्राज को कैंसर है। गिर्राज को उसकी पत्नी नेहा अस्पताल लेकर आई थी, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं मिले। नेहा ने बताया कि उसके पति को मुंह में कैंसर हो गया है। वह पिछले तीन दिन से अस्पताल में चक्कर काट रही है लेकिन डॉक्टर उसका इलाज नहीं कर रहे हैं। डॉक्टर से यहां से वहां घूम रहे हैं। उसके पति गिर्राज की हालत बहुत ही खराब हो रही है। वह ठीक से खा पी भी नहीं रहे हैं। डॉक्टर उसके पति को भर्ती तक भी नहीं कर रहे हैं। ग्वालियर में शनिवार को भी गजराराजा मेडिकल कॉलेज (GRMC) के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है। जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चित कालीन हड़ताल पर होने के चलते ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह में व्यवस्थाएं बिगड़ती जा रही है। अस्पताल परिसर में मेडिसिन, ओपीडी से लेकर ऑपरेश्न थिएटर तक मरीज इलाज कराने के लिए भटक रहे हैं। हड़ताल पर होने के चलते जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी सेवाएं भी न के बराबर ही दे रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के विरोध में वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है। हड़ताल पर जाने से पहले अस्पताल के सभी डॉक्टर अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जाता रहे थे। इस घटना के विरोध में पूरे मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं।
ऐसे समझिए पूरा मामला
बता दें कि 8-9 अगस्त की दरमियानी रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या के मामले में पूरे देश में डॉक्टरों में आक्रोश है। जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस को चेतावनी दी है कि जब तक आरोपी नहीं पकड़े जाते हैं। वह अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगे। इस हड़ताल का असर ग्वालियर के साथ ही मध्य प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा और रतलाम में भी देखने को मिला है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉक्टर हड़ताल के समर्थन में अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध जाता रहे हैं। हड़ताल का असर ग्वालियर के एक हजार बिस्तर के अस्पताल में भी देखने को मिल रहा है।
दूसरे दिन भी जारी रही हड़ताल, नहीं किया काम
जूनियर डॉक्टरों के दूसरे दिन भी हड़ताल पर जाने के कारण अस्पताल में आने वाले मरीज तीन से चार घंटे उनके केबिन के बाहर बैठकर इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सभी डॉक्टर हड़ताल पर होने से अपने केबिनों में नहीं बैठ रहे हैं। इसलिए अस्पताल में आने वाले मरीजों को सही तरीके से इलाज नहीं मिल पा रहा है। अटेंडर अपने मरीज को खुद ही स्ट्रेचर पर लेकर अस्पताल में जांच के लिए पहुंच रहे हैं। कई मरीजों को दूसरे दिन भी यह पता नहीं है कि जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है। अस्पताल में अल्ट्रा साउंड, ब्लड जांच, शुगर जांच सहित अन्य जांच करने के लिए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डॉक्टर बोले-तत्काल आरोपियों पर कार्रवाई की
हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर यूनियन के सचिव डॉ. आदित्य खरे का कहना है कि कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में आज हम दूसरे दिन भी हड़ताल पर हैं। हमारे समर्थन में जीएस मेडिकल कॉलेज के सभी वरिष्ठ डॉक्टर और अधिकारी भी हड़ताल में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। हमारी मांग है की जूनियर डॉक्टर की हत्या और रेप में शामिल आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए।
जूनियर डॉक्टर की समर्थन करने AVBP के छात्र भी पहुंचे
अस्पताल में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर के समर्थन करने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आधा सैकड़ा से ज्यादा छात्र छात्राएं भी शनिवार को हॉस्पिटल पहुंचे है। जूनियर डॉक्टर की हत्या और रेप के मामले में लगातार नारेबाजी करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।