जिले के खवासा वन परिक्षेत्र अंतर्गत खंडासा गांव में तीन दिन पहले ग्रामीण पर बाघ ने हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गया। बाघ की पहचान कर उसे पकड़ने 8 सीसीटीवी सहित एक लाइव कैमरा लगाया गया है। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी बाघ की लोकेशन ट्रेस नहीं की जा सकी है, क्योंकि बाघ को ट्रेस करने में सोनकुत्तों का झुंड बाधा बन रहा है। बाघ पकड़ने लगाया गया पिंजरा वन विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि जिस स्थान पर बाघ ने हमला किया था। वहीं पर बाघ को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाकर उसमें चारा रखा गया है। इस पिजंरे के आसपास सोनकुत्ते मंडरा रहे हैं। कैमरे में ट्रेप हो रहा सोनकुत्तों का झुंड वन विभाग के अधिकारी के अनुसार जिस स्थान पर सोनकुत्ते झुंड में रहते हैं। वहां बाघ नहीं आता है। सोन कुत्ते झुंड में रहते हैं। यह बाघ के शिकार को छीनकर खा जाते हैं। बाघ के जबड़े से उसका शिकार खींच लाने और अपने शिकार को दौड़ाकर मारने में ये सोनकुत्ते सक्षम होते हैं। झुंड में रहने के कारण सोनकुत्ते बेहद खतरनाक हो जाते हैं। किसी भी बड़े जानवर का शिकार ये सोनकुत्ते झुंड में रहने के कारण कर लेते हैं। कई बार बाघ का शिकार खींचते समय उस पर भी हमला करने से पीछे नहीं हटते हैं। पिछले कुछ दिनों से सोनकुत्तों का झुंड पिजंरे के पास नजर आ रहा है। इस कारण यहां बाघ नहीं आ रहा है। बाघ के हमले से हो चुकी हैं 2 घटनाएं खवासा परिक्षेत्र के खंडासा से लगे जंगल में 15 दिनों के अंदर बाघ के हमले की 3 घटनाएं सामाने आ चुकी हैं। जिनमें एक की मौत और दो लोग घायल हुए हैं। बताया गया कि बीते दिनों गोवर्धन पटले नामक व्यक्ति को अपना शिकार बना चुका है। वहीं पिछले सप्ताह गुरुवार को छोटेलाल नामक व्यक्ति पर बाघ ने हमला किया था। इससे छोटेलाल गंभीर रूप से घायल हो गया था और अब तीन पहले ही चरवाहे पर बाघ ने हमला कर दिया। इसके बाद वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी लगातार बाघ को तलाशने सर्चिंग कर रहे हैं। लोगों को जंगल न जाने की सलाह दी जा रही है। दहशत में ग्रामीण बाघ के दो हमले होने के बाद से खंडासा गांव के ग्रामीणों में अब भी दहशत है। जंगल से लगे खंडासा गांव के ग्रामीण मवेशियों को चराने जंगल जाने और खेतों में जाने से डर रहे हैं। शाम होने के बाद अधिकांश ग्रामीण घरों से निकलने से भी डर रहे हैं। गांव के अजय बाहे, अखिल डहरवाल समेत अन्य ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के हमलों के बाद गांव वालों के रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं। गांव के लोग बाघ को पकड़कर बाहर भेजने समेत अन्य मांगों का ज्ञापन भी विभाग के अधिकारियों को सौंप चुके हैं। इस संबंध में खवासा के वन परिक्षेत्र अधिकारी घनश्याम चतुर्वेदी का कहना है कि बाघ को पकड़ने के लिए पिछले सप्ताह से पिंजरा लगाया गया है। एक लाइव कैमरे के साथ आठ सीसीटीवी कैमरे लगाकर बाघ को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है। जिन स्थान पर पिंजरा लगाया गया है। इसके आसपास बीते कुछ दिनों से सोनकुत्तों का झुंड नजर आ रहा है। इसके कारण बाघ वहां नहीं आ रहा है। सोनकुत्तों के हटने के बाद बाघ के आने की संभावना है। बाघ के पकड़े जाने तक गांव के लोगों को सतर्क करने बैठक कर समझाइश दी जा रही है।