प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों के लिए जाति प्रमाण पत्र पेश किए जाने को लेकर नगरीय विकास और आवास विभाग ने नए नियम जारी किए हैं। इसके साथ ही वोट डालने में असमर्थ दिव्यांग मतदाताओं की मदद के लिए भी नगर पालिक निगम नियमों में संशोधन किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर नियमों में किए गए संशोधन का नोटिफिकेशन जारी करने के साथ ही उसे लागू भी कर दिया गया है जो आगामी नगरीय निकाय चुनावों में रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अमल में लाया जा सकेगा। … तो इस आधार पर निरस्त हो जाएगा नामांकन राज्य निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव पर नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा नगर पालिक निगम अधिनियम में संशोधन कर नए नियम जारी किए गए हैं। इसमें जो बदलाव किए गए उसके अनुसार नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के महापौर और पार्षद पद के चुनाव के दौरान अगर कोई आरक्षित कैटेगरी का व्यक्ति नामांकन भरता है तो उम्मीदवार को नामांकन पत्र जमा करने के बाद या स्क्रूटनी की तय तारीख और समय के पहले अपना जाति प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी के समक्ष पेश करना होगा। ऐसा नहीं होने पर रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उसका नामांकन निरस्त कर दिया जाएगा। निशक्त वोटर के साथ जा सकेगा व्यक्ति, डलवा सकेगा वोट नगरीय विकास और आवास विभाग द्वारा किए गए एक अन्य संशोधन में कहा गया है कि दृष्टिहीन और शारीरिक रूप से निशक्त दिव्यांग मतदाता जो किसी की सहायता के बिना चल नहीं सकता है, उसके साथ मतदान के लिए जाने एक व्यक्ति की अनुमति दी जा सकेगी। यह पीठासीन अधिकारी के इस बात को लेकर संतुष्ट होने पर डिपेंड करेगा कि दिव्यांगता के कारण कोई वोटर अगर मतपत्र पर लगे चिन्ह को पहचानने में या बिना किसी की मदद के उस पर वोट डालने का चिन्ह लगाने में असमर्थ है तो उस मतदाता की इच्छा के मुताबिक एक व्यक्ति को साथ जाने की अनुमति दी जा सकेगी। सिर्फ एक ही बार किसी दिव्यांग की मदद कर सकेगा कोई व्यक्ति यह साथ जाने वाला व्यक्ति मतदाता की इच्छा के मुताबिक मतपत्र पर मत दर्ज करने और जरूरी हो तो मतपत्र को मोड़कर मतपेटी में डालने के लिए अधिकृत किया जा सकेगा लेकिन ऐसे व्यक्ति की उम्र 18 साल से कम नहीं होना चाहिए। आयोग के प्रस्ताव के आधार पर किए गए नियमों में संशोधन में यह भी कहा गया है कि साथ जाने वाला व्यक्ति दिव्यांग द्वारा डाले गए वोट को गुप्त रखेगा और उस दिन किसी मतदान केंद्र पर अन्य वोटर के साथी के रूप में काम नहीं कर केगा।