नर्मदापुरम में राष्ट्रीय ध्वज उतारने में लापरवाही:तिरंगे को डंडा सहित निकालकर घिसटाते ले गए, एनसीसी दफ्तर में रात में लटका रहा तिरंगा

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देश ने गुरुवार को 78 78 व स्वतंत्रता दिवस मनाया। सरकारी, प्राइवेट संस्थानों के अलावा हर घर तिरंगा अभियान के तहत ध्वजारोहण व तिरंगा लगाया गया। इसी बीच नर्मदापुरम जिले में कुछ जगह से ऐसी तस्वीरें भी सामने आई। जहां तिरंगे के सम्मान में कमी रखी गई। सरकारी संस्थान की बिल्डिंग में ही राष्ट्रीय ध्वज उतारने में लापरवाही बरती गई। पहली तस्वीर। पहली तस्वीर जिला मुख्यालय पर कालिका नगर स्थित 5 एमपी गर्ल्स एनसीसी कैडेट के दफ्तर में। जहां सूर्यअस्त के बाद भी तिरंगे को नहीं उतारा गया। रात में भी तिरंगा खंभे पर लटका रहा। स्वतंत्रता दिवस पर सुबह ध्वजारोहण किया गया, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के जश्न में एनसीसी गर्ल्स कैडेट दफ्तर के अधिकारी इतने व्यस्त हो गए कि शाम को राष्ट्रीय ध्वज को उतारना ही भूल गए। दूसरी तस्वीर सिवनी-मालवा तहसील के ग्राम बाबरी के शासकीय नवीन हाई स्कूल की है। जहां राष्ट्रीय ध्वज को उतारने की जिम्मेदारी स्कूल के चपरासी को बोल दी। चपरासी को इतनी जल्दी कि वो तिरंगे को खंबे से निकाले बिना ही खंभे के साथ तिरंगे को घिसटाते हुए ले जा रहे। वीडियो में देख सकते है कि चपरासी किस तरह से राष्ट्रीय ध्वज को उतार रहा है। राष्ट्रीय ध्वज को उसके डंडे सहित उतार पहले जमीन पर रखता है उसके बाद डंडे सहित राष्ट्रीय ध्वज को घसीटते हुए स्कूल के अन्दर ले जाता है। ये लापरवाही दिखाती है कि राष्ट्रीय तिरंगे झंडे को उतारने में अधिकारी कितने सजग हैं। सिवनीमालवा एसडीएम सरोज परिहार ने स्वतंत्रता दिवस से पूर्व हुई बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि झंडे फहराने उतारने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राष्ट्रीय ध्वज न सिर्फ देश की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है। यही वजह है जो राष्ट्रीय ध्वज के बारे में शिक्षा के शुरूआती दिनों से ही बताना शुरू कर दिया जाता है। ध्वज के राष्ट्रीय महत्व के बारे में जानकारियां दी जाती हैं। ताकि हम अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान कर सकें। लेकिजन शिक्षा के मंदिरों में ही राष्ट्रीय ध्वज उतारने में इतनी लापरवाही। दफ्तर और स्कूल के अधिकारी और कर्मचारी, शिक्षकों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता है?