जिला अस्पताल लाई गई 18 साल की युवती की इलाज से पहले मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक इससे पहले युवती का उपचार किसी झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर कराया था। तीन घंटे उपचार के बाद जब युवती की तबीयत में सुधार नहीं आया तब झोलाछाप डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए थे। इसके तत्काल बाद युवती को जिला अस्पताल लाया गया था। लेकिन उसकी उपचार शुरू होने से पहले मौत हो गई। ग्रामीणों की माने तो छर्च गांव में आधा दर्जन से भी ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर क्लिनिक संचालित कर रहे हैं। छर्च गांव के रहने वाले अतर सिंह रजक ने बताया कि अक्की रजक पुत्री नत्था रजक की गुरुवार रात तीन बजे तबीयत बिगड़ गई थी। रात होने की वजह से अक्की को छर्च गांव में नरेंद्र नाम के डॉक्टर के पास ले गए थे। डॉक्टर ने तीन घंटे तक अक्की का इलाज किया था। इस बीच उसने कई इंजेक्शन भी लगाए थे। लेकिन अक्की की तबीयत बिगड़ती ही जा रही थी। तीन घंटे बाद डॉक्टर ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे। इसके बाद अक्की को सीधे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन अक्की का उपचार शुरू होने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल चौकी पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेज मामले की जांच शुरू कर दी हैं।