महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर से आम श्रद्धालु परेशान हैं। ये गर्भगृह की चौखट पर खड़े हो जाते हैं। बैठ जाते हैं। ऐसे में करीब 50 फीट दूरी से दर्शन करने वाले आम श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाते। देशभर से मीलों का सफर तय करने के बाद एक झलक महाकाल बाबा की न मिले तो श्रद्धालु दुखी हो जाते हैं। इतना ही नहीं कतार में आ रहे श्रद्धालुओं को सुरक्षा गार्ड धक्के मारकर आगे बढ़ा देते हैं। नेताओं और अफसरों के परिचितों को दर्शन सुलभ हैं। उनकी आवभगत भी की जाती है। आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन कठिन हैं। 15 अगस्त की शाम 6.30 बजे अवंतिका द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी। लोग परिसर में बैठकर एलईडी पर दर्शन कर रहे थे। 7 बजे आरती शुरू हुई। नंदीगृह वीआईपी लोगों से ठसाठस भरा हुआ था। पैर रखने के लिए भी जगह नहीं। इतने में लाव-लश्कर के साथ एक वीआईपी ने नंदीगृह में प्रवेश किया। फौरन बैरिकेड्स खुल गए। सुरक्षा के लिए तैनात निजी कंपनी का गार्ड कन्हैया बोला- भैया को आगे बिठाओ। वीआईपी परिवार सहित अग्रिम पंक्ति में बैठ गए। आरती पूर्ण हुई तो वीआईपी महाकाल की चौखट पर जाकर खड़े हो गए। इधर, बैरिकेड्स में कतार में खड़े श्रद्धालुओं को दर्शन तक नहीं हो रहे थे। पुजारी और गार्ड उन्हें आगे बढ़ने को कह रहे थे। इस दौरान कुछ श्रद्धालु कहने लगे हम तो दर्शन करके ही जाएंगे। घंटों से लाइन में लगे हैं। पहले जो लोग चौखट पर जाकर खड़े हो गए, इन्हें हटाइए। इतने में सुरक्षा गार्ड कन्हैया बोला- पहले भैया को निकालो यानी ये सुरक्षाकर्मी भी सिर्फ वीआईपी गेस्ट के स्वागत-सत्कार में लगे हैं। आम श्रद्धालुओं को धकेलकर आगे बढ़ाने का काम करते हैं। कौन तय कर रहा कि महाकाल की चौखट तक कौन जाएगा?
16 अगस्त को आरती के समय एक वीआईपी की वजह से सभा मंडपम में श्रद्धालुओं को रोक लिया। कन्हैया नाम का गार्ड कुछ खास लोगों को नंदी हॉल में जाने दे रहा था। वीआईपी दर्शन करके चले गए, तब श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने दिया गया। वीआईपी के चक्कर में आम श्रद्धालुओं को क्यों परेशान किया जा रहा है। कौन है, जो यह तय कर हैं कि कौन महाकाल की चौखट तक जाएगा।
कौन नंदीगृह में प्रवेश करेगा। कौन गर्भगृह में जाकर पूजन करेगा, क्योंकि प्रोटोकॉल के नियम कायदों का पालन होता तो मंदिर में नहीं दिख रहा। दो दिन की पड़ताल में यही सामने आया कि पूरी व्यवस्था निजी कंपनी के सुरक्षाकर्मियों के भरोसे चल रही है। ऐसे ही सोमवार 12 अगस्त को भी सुबह करीब 11 बजे कोई वीआईपी दर्शन के लिए 250 रुपए की टिकट लेकर आए श्रद्धालुओं को करीब आधे घंटे तक रोक रखा। पूछने पर गार्ड यही कह रहे थे वीआईपी आ रहे हैं। वीआईपी पाइंट हैं। वीआईपी को सूर्यमुखी मंदिर के पास सीढ़ी से लेकर जल द्वार से सीधे भगवान की चौखट तक पहुंचाया गया। आम श्रद्धालु परेशान होते रहे। दर्शन में परेशानी नहीं आने देंगे
^अगर वीआईपी महाकाल की चौखट तक जा रहे हैं और आम श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है तो मैं दिखवाता हूं। दर्शन में किसी तरह की परेशानी नहीं आने देंगे।
गणेश धाकड़, महाकाल मंदिर प्रशासक