पिपरई क्षेत्र में अगस्त के महीने में ही मुक्तिधाम ना होने के कारण अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को जद्दोजहद करने के तीन मामले सामने आए हैं। ताजा मामला इमलिया गांव का है जो नगरीय क्षेत्र में आता है। जहां पर एक बुजुर्ग महिला का बीमारी के चलते निधन हो गया था जिसका बारिश के बीच टेंपरेरी सेट लगाकर अंतिम संस्कार किया गया। नगर परिषद के वार्ड नंबर 8 की रहने वाली मान बाई पत्नी अमान सिंह आदिवासी का एक दिन पहले बीमारी के चलते निधन हो गया था। उस समय लगातार बारिश हो रही थी कुछ देर तक परिवार के लोगों ने बारिश थमने का इंतजार किया। हालांकि, काफी देर तक बारिश नहीं थमी तो गांव के लोगों ने नगर परिषद में सूचना दी। जिस तरह से बीते दिनों एक और गांव में अंतिम संस्कार के लिए चार लोहे के पाइप एवं दो टीन दे दिए थे उसी तरह से बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के लिए भी टीन और पाइप दे दिए। गांव के लोग नगर पालिका द्वारा दिए गए सामान को लेकर गांव में पहुंचे। वहां पर खाली जगह में युवाओं ने जमीन में गड्ढे करके चारों पाइप गाढ़े, जिसके बाद उनके ऊपर दोनों टीन रख दिए गए। नगर परिषद ने भले ही टीन और एंगल दे दिए हो, लेकिन लोगों को बारिश के कारण अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानी हुई। दरअसल, पिपरई नगर परिषद कई ग्रामीण क्षेत्रों में फैला हुआ है, जहां पर मुक्तिधाम न होने के कारण बारिश के मौसम में गांव के लोगों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। इससे पहले दो और मामले सामने आए हैं जिनमें से एक स्थान पर गांव के लोगों को त्रिपाल लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा। जबकि दूसरे थिगली गांव में नगर परिषद ने अस्थाई टीन सेट बनवाया था। अंतिम संस्कार के लिए भी गांव में स्थाई मुक्तिधाम नहीं बन पाए वहीं इसी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठा चुके हैं। बीते दोनों त्रिपाल के नीचे अंतिम संस्कार करने को लेकर उन्होंने वहां पर टीन सेट का काम पूरा होने की बात कही थी। हालांकि, क्षेत्र में आज भी कई ऐसे गांव हैं। जहां पर मुक्तिधाम नहीं है।