इंदौर के लसूड़िया परमार की एमबीए ग्रेजुएट महिला सरपंच त्रिशिता वाजपेयी आज लाल किले पर होने वाले झंडा वंदन कार्यक्रम में शामिल होंगी। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झंडा वंदन करेंगे। इससे पहले बुधवार को केंद्रीय पंचायत राज मंत्री राजीव रंजन ने वाजपेयी के अलावा देशभर से आई महिला सरपंचों का सम्मान किया। इसमें मप्र की दस महिला सरपंच शामिल हुईं। दरअसल त्रिशिता अपनी पंचायत में इंदौर में सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्शन को लेकर चर्चा में आई हैं। 3 अगस्त 2022 को सरपंच बनने के बाद से ही गांव के 80 प्रतिशत हिस्से की ड्रेनेज लाइन को अंडर ग्राउंड कर दया है। बच्चों के लिए खेल का मैदान, बास्केट बॉल कोर्ट भी बनवाया है। महिलाएं आत्मनिर्भर बनें इसलिए उन्होंने महिला आजीविका सिलाई सेंटर की शुरुआत भी की है। लसूड़िया परमार में 2022 तक 25 लाख रुपए सालाना टैक्स जमा होता था, लेकिन दो साल में बढ़कर 2023 में 83 लाख और 2024 में 90 लाख रुपए से ऊपर निकल गया है। त्रिशिता कहती हैं 4 हजार की आबादी वाले गांव में जल्द ही जलकर भी वसूला जाएगा। इससे आय और बढ़ेगी। लोगों को अवेयर कर टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित किया एमबीए ग्रेजुएट सरंपच त्रिशिता वाजपेयी बताती हैं कि सरपंच बनने के बाद ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने के लिए हमने संपत्ति और व्यवसायिक कर वसूली पर जोर दिया। आम तौर पर पंचायती राज अधिनियम के तहत हर ग्राम पंचायत को संपत्ति, स्वच्छता और जल कर जमा करवाने का प्रावधान होता है, लेकिन ग्रामीण स्तर पर इस नियम पर जोर नहीं दिए जाता। इसलिए फंड की कमी बनी रहती है। पंचायत अधिनियम की धारा 77 के तहत लोगों से टैक्स जमा करवाने की शुरुआत की गई। शुरू में लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं थी। फिर हमने लोगों को जागरूक किया। पंचायत का कुछ इलाका इंडस्ट्रियल होने से भी हमें फायदा मिला। यही कारण रहा कि दो साल में ही पंचायत का टैक्स कलेक्शन 25 लाख से बढ़कर 90 लाख पहुंच गया। महिलाओं को रोजगार दिला सशक्त बनाया बी फार्मा, बीएड और एमबीए कर चुकी त्रिशिता पंचायत के साथ-साथ घर भी संभालती हैं। महिलाओं को सैनिटरी पैड बनाने की ट्रेनिंग भी दी गई। घर में ही बायो डिग्रीडेबल प्रोडक्ट्स का निर्माण कर मार्केटिंग भी सीखा रहे हैं। ग्राम उद्योग के तहत कई महिलाओं को लोन दिलाकर और पंचायत की मदद से अचार पापड़ बनाने जैसे रोजगार उपलब्ध करवाए गए हैं। गांव में हरियाली बनी रहे इसके लिए हर घर माटी अभियान के तहत पूरे पंचायत में करीब 2 हजार पेड़ लगाकर ग्रीन पंचायत बनाने पर जोर दिया। पंचायत में गंदगी न रहे इसके लिए स्वच्छता पर जोर दिया और हर घर से गार्बेज कलेक्शन करवाया गया।