लाचार व्यवस्था:इस जाम से आजादी कब… हर बड़े मौके पर ट्रैफिक मैनेजमेंट फेल, दिनभर रेंगते रहे वाहन

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शहर में 4 बड़े कार्यक्रमों से उजागर हुई हकीकत बुधवार सुबह से शाम तक तिरंगा यात्राओं समेत 4 बड़े आयोजन हुए। ऐसे में सुबह कोलार से बैरागढ़, पुराने शहर और करोंद तो शाम ​​होते-होते एमपी नगर के आसपास ट्रैफिक के हालात बिगड़ गए। कोलार से लेकर न्यू मार्केट, पुराने भोपाल, बैरागढ़, एमपी नगर और करोंद इलाके तक में चारों तरफ ट्रैफिक जाम दिखा। ज्योति टॉकीज से बोर्ड ऑफिस चौराहे तक दोनों सड़कें जाम प्रशासन शहर के बाहरी इलाकों (जंबूरी मैदान) में होने वाले आयोजनों की व्यवस्था तो संभाल लेती है, लेकिन शहर के अंदर जब बड़ा आयोजन होता है, तो ट्रैफिक मैनेजमेंट चरमरा जाता है। अधिकांश इलाकों में ट्रैफिक पुलिस गायब दिखी तो कार्यक्रम में शामिल लोग भी बिना हेलमेट बाइक चलाते निकले। सुबह कोलार रोड पर मदर टेरेसा स्कूल, डी मार्ट चौराहा, ललिता नगर, कोलार थाना, बीमाकुंज, नयापुरा, सर्वधर्म पुल, चूनाभट्टी चौराहा, कोलार गेस्ट हाउस तिराहा तक सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 11 बजे तक सबसे ज्यादा परेशानी रही। इसी तरह मैनिट चौराहा, माता मंदिर, न्यू-मार्केट, रोशनपुरा, बाणगंगा, पॉलिटेक्निक चौराहा, रेतघाट चैराहा, वीआईपी रोड, खानूगांव चौराहा, लालघाटी, चंचल चौराहा, कालीमंदिर तिराहा, भैंसाखेड़ी रोड पर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक वाहन रेंगते रहे। हमारे पास जरूरत से आधा ही अमला शहर में नई सड़कों की जरूरत है। वीआईपी रोड 4 लेन की जगह 6 लेन करना चाहिए। मुख्य सड़कों के साथ अन्य रोड को चौड़ा करने की जरूरत है। सिर्फ डायवर्सन से व्यवस्था ठीक नहीं की जा सकती है। इस तरह के कार्यक्रम पीक ऑवर्स की जगह दोपहर और अवकाश के दिन होना चाहिए। वर्तमान में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए 600 का बल है। जरूरत के अनुसार यह करीब 1200 होना चाहिए। -संजय कुमार सिंह, डीसीपी ट्रैफिक भोपाल