एसजीएसआईटीएस कॉलेज में बुधवार को एक दिलचस्प सेमिनार हुआ। मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के MBA 2nd ईयर के स्टूडेंट्स इसमें शामिल हुए। सौदर्य प्रतियोगिता विजेता, करयिर कोच और कंसल्टेंट विजेता यादव स्टूडेंट्स से रुबरू हुई। इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन (आईएमए) के सहयोग से कॉलेज में ये सेमिनार हुआ। सेमिनार की शुरुआत में विजेता यादव ने कहा कि उनका जुड़ाव संस्थान के साथ बहुत पुराना है। वह एमबीए के 2nd ईयर के स्टूडेंट्स के साथ अपने विचार और मार्गदर्शन साझा करके काफी खुश हैं। सेमिनार में एक फिल्म की कहानी की ईद-गिर्द घूमता रहा। उन्होंने एक गतिविधि भी आयोजित की इसमें उन्होंने स्टूडेंट्स को 2 टीम पर्पल और रेड में बांटा और फिल्म के कुछ क्लिप चलाए। प्रत्येक क्लिप के बाद विजेता यादव ने दोनों टीमों से कुछ सवाल पूछे कि इस क्लिप से क्या अनुमान लगाया जा सकता है ? जो मार्केटिंग और सेल्स की फील्ड से संबंधित हो सकता है। स्टूडेंट्स ने गतिविधि और फिल्म से जो कुछ सीखा उसमें से कुछ यह थे कि हमें हमेशा अपने उत्पाद का कथित मूल्य वास्तविक एमआरपी से ज्यादा निर्धारित करना चाहिए, दूसरा फिल्म में जब दोनों नायक अपने आंतरिक मुद्दों के कारण अलग हो गए थे उनमें ईमानदारी और व्यावसायिकता की कमी थी, इस कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह व्यावसायिकता के महत्व को दर्शाता है और हमें हमेशा अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक लाइफ को अलग करना चाहिए। फिल्म के शुरू में जब दोनों नायक मिलते है, तो एक निश्चित होता है और जानता है कि वह क्या चाहती है, वह महत्वाकांक्षी है और उसमें अपनी पूरी व्यवसाय योजना तैयार कर ली है, लेकिन दूसरा उसे एक भागीदार के रूप में योजना पर कूदने देने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है। इसके माध्यम से विजेता ने स्टूडेंट्स को इस प्रकार के लोगों से जागरूक रहने में हेल्प की। गतिविधि के रिजल्ट में दोनों ही टीम बराबर पर रही यानी उन्हें 3-3 अंक मिले। स्टूडेंट्स ने सेमिनार का भरपूर आनंद लिया और इस बात से काफी आश्चर्यचकित हुए कि फिल्में शैक्षिक कैसे हो सकती हैं और वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों से इतनी निकटता कैसे रखती हैं।