सिपेट ने 5 साल में 6 हजार छात्रों को उद्योगों के लिए किया ट्रेंड, अब यहां एडवांस रिसर्च लैब भी

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जेके रोड स्थित राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट। यहां पिछले 36 सालों से पेट्रो केमिकल्स इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं को स्किल्ड मैनपॉवर बनाने का काम चल रहा है। भारत सरकार के रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अंतर्गत संचालित इस संस्थान के देशभर 46 केंद्र हैं। वर्तमान में सिपेट विभिन्न डिप्लोमा और स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को संचालित कर रहा है। यहां के कोर्स व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के हिसाब से डिजाइन किए गए हैं। यहां से हर साल औसतन 800 से ज्यादा युवाओं को ट्रेंड किया जाता है। ऐसे में पिछले 5 वर्षों में यह आंकड़ा करीब 6000 के पार पहुंच चुका है। अब सिपेट बीटेक (पेट्रो केमिकल इंजीनियरिंग) और एमएससी (पॉलिमर सांइस) दो नए पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी कर रहा है। बीटेक (पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग), रिसर्च और इंडस्ट्री एप्लीकेशन पर आधारित चार वर्षीय कोर्स है। इसके अलावा सस्टेनेबल प्लास्टिक्स जिसमें बायोडिग्रेबल प्लास्टिक, रीसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस पर फोकस करते हुए शॉट टर्म प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। यहां से प्रशिक्षित होने वाले छात्रों की विभिन्न उद्योगों में मांग भी अधिक है। यही कारण है कि सिपेट के 90 प्रतिशत छात्र-छात्राओं का प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट हो जाता है। बाकी छात्र या तो खुद का उद्योग चलाते हैं या उच्च शिक्षा में चले जाते हैं। पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में औद्योगिक विकास तेज़ी से हो रहा है। तामोट में प्लास्टिक पार्क तथा उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क, इंदौर में फर्नीचर एवं टॉय क्लस्टर आ रहा है, इसलिए इनमें रोज़गार बढने की बहुत ज्यादा संभावना है। वीकेंड और ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की है योजना सिपेट भोपाल कामकाजी पेशेवरों के लिए विभिन्न प्लास्टिक्स प्रौद्योगिकी, गुणवत्ता नियंत्रण, और उत्पाद डिजाइन में संध्याकालीन और वीकेंड कोर्स शुरू करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके अलावा ऑनलाइन कोर्स और ब्लेंड लर्निंग मॉडल को भी तैयार करेगा। कंपनियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कस्टमाइज्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम डिजाइन किए गए, जिनमें लीडरशिप डेवपलमेंट, एडवांस टेक्निकल ट्रेनिंग शामिल हैं। रोजगार के अवसर ज्यादा: तामोट में प्लास्टिक पार्क, उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क, इंदौर में फर्नीचर एवं टॉय क्लस्टर आ रहा है। युवाओं के लिए एक ही छत के नीचे सभी आधुनिक सुविधाएं सिपेट का हर विभाग प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के एक विशिष्ट पहलू पर केंद्रित है। यहां की परीक्षण प्रयोगशाला अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के साथ एनएबीएल व आईएसओ से मान्यता प्राप्त है। यहां उद्योगों के 130 प्रोडक्टों के मटेरियल और प्रोडक्ट परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है। हाल ही में नवनिर्मित भवन में एडवांस रिसर्च प्रयोगशाला सेंटर की स्थापना की गई है। इससे इच्छुक नव युवाओं को एक छत के नीचे सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी। इस केन्द्र में एक इनक्यूबेशन शाखा की स्थापना भी की गई है। एनएबीए से मान्यता प्राप्त हैं कोर्स…… इन कोर्स की विषय वस्तु पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में गहन ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। सभी पाठ्यक्रम एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त है व दो डिप्लोमा पाठ्यक्रम डीपीटी एवं डीपीएमटी एनएबीए द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। बीएससी पास छात्रों के लिए पीजीडी-पीपीटी और 10वीं पास के लिए डीपीएमटी और डीपीटी पाठ्यक्रमों की उद्योगों में बहुत मांग हैं।