ग्वालियर में सावन के चौथे सोमवार को मंदिरों और शिवालयों के द्वार रात 12 बजे से ही महादेव के दर्शन करने के लिए खोल दिए गए थे। गुप्तेश्वर महादेव के पुजारी द्वारा पूजा अर्चना कर गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक किया। इसके उपरांत मंदिरों में आने वाले सैकड़ो भक्तों ने भगवान गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन कर पिंडी पर जल और बेलपत्र चढ़ाकर पूजा अर्चना की। यह गुप्तेश्वर मंदिर, शहर के गोल पहाड़िया इलाके में गुप्तेश्वर पहाड़ी पर है। यह प्राचीन मंदिर है और यहां पहुंचने के लिए सैकड़ों को सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
आपको दें कि सावन के सोमवार पर हिंदू रीति रिवाज और पूरे विधि-विधान से शिव पूजन कर शांति-समृद्धि मिलती है। वही विवाह के इच्छुक युवक-युवतियों पर भी महादेव की कृपा जरूरी है। सोमवार को शहर के मंदिरों पर लगने वाली सैकड़ो श्रद्धालुओं की लगातार भीड़ को देखते हुए मंदिर समितियों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। साथ ही मंदिर में दर्शन करने आने वाली महिला एवं पुरुष भक्तों भगवान गुप्तेश्वर महादेव के दर्शन किए। साल में पड़ने वाले सावन के हर सोमवार को शहर के शिवालयों पर जमकर भीड़ होती है। ग्वालियर में पहले-दूसरे व तीसरे सोमवार को मंदिरों में काफी भीड़ ही थी। आज सावन का चौथा सोमवार होने पर सुबह से रात तक मंदिरों पर शिव भक्तों की भीड़ जुटने लगी है। शहर के सभी शिव मंदिरों की समितियां ने आकर्षक सजावट के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए हैं। शहर में शिव भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ अचलेश्वर, गुप्तेश्वर, कोटेश्वर और चकलेश्वर,हजारेश्वर मंदिर पर रहती है। साथ ही ग्वालियर के देहात के भितरवार में स्थित धूमेश्वर धाम पर भी सावन के हर सोमवार को मेला लगता है। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
भोलेनाथ का दूध-दही और पंचामृत से किया अभिषेक
हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान शिव को सावन का सोमवार विशेष रूप से प्रिय है। इसको लेकर ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सावन में भगवान शिव का गंगाजल व पंचामृत से अभिषेक करने से शांति मिलती है। बेलपत्र, भांग, धतूरे, आक के फूल से पूजन करने का प्रावधान है। इसके अलावा पांच तरह के जो अमृत बताए गए हैं उनमें दूध, दही, शहद, घी व शक्कर मिलाकर बनाए गए पंचामृत से भगवान की पूजा विशेष लाभदायी होती है। सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता हैं।
ग्वालियर के सभी प्रसिद्ध शिव मंदिरों पर लगती है सैकड़ो भक्तों की भीड़
ग्वालियर में अगर प्रसिद्ध शिवालयों की बात करें तो अचलेश्वर महादेव मंदिर, कोटेश्वर महादेव मंदिर, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, चकलेश्वर, और भूतेश्वर शिव मंदिर हैं। इसके साथ ही फूलबाग चौराहे पर स्थित मार्कण्डेश्वर, गेंडेवाली सड़क के पास स्थित रामकुई के मोटे महादेव मंदिर और सीपी कॉलोनी स्थित कलिकेश्वर नाग मंदिर पर भी विशेष आयोजन किए जाते हैं।
ग्वालियर के धूमेश्वर धाम मंदिर पर भी लगता है मेला
ग्वालियर के भितरवार ब्लॉक में सिंध और पार्वती नदी के संगम पर प्राचीन धूमेश्वर मंदिर है। यह कब बना और किसने बनवाया यह अब तक कोई नहीं बता पाता है, लेकिन सावन के हर सोमवार को यहां मेला लगता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और मंदिर के किनारे बसी नदी में स्नान करने के बाद शिवलिंग की पूजा अर्चना करते हैं। यह मंदिर ग्वालियर शहर से करीब 75 किलोमीटर दूर देहात में है।
शिव मंदिरों के आसपास रहती है पुलिस कड़ी सुरक्षा
साल में पड़ने वाले सावन के हर सोमवार को ग्वालियर शहर के शिवालयों के आसपास पुलिस की कड़ी सुरक्षा रहती है। पुलिस कप्तान ग्वालियर धर्मवीर सिंह ने मंदिरों के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लगाने के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं। इसके अलावा शिव मंदिरों के आसपास पुलिस के चेकिंग पॉइंट भी बनाए गए हैं जिससे युवतियों और महिलाओं के साथ किसी भी तरह की कोई घटना न हो पाए। वही शिव मंदिरों पर भीड़ लगने पर ट्रैफिक को नियंत्रण रखने के लिए अलग से यातायात पुलिस बल तैनात किया गया है।
शिव भक्तों का कहना, भक्ति से शक्ति मिलती है
मंदिर प्रदर्शन करने आई महिला महिमा तुलसानी का कहना है कि उनको मंदिर पर आते हुए 30 साल हो गए हैं, मंदिर की बहुत मानता है गुप्तेश्वर महादेव से जो भी मनोकामना मांगता है वह पूरी हो जाती है। अब तक उन पर महादेव की कृपा बनी हुई है।
वहीं छात्रा स्मृति चौधरी ने बताया कि गुप्तेश्वर महादेव मंदिर बहुत ही प्राचीन है, उन्हें मंदिर पर आते हुए 25 26 साल हो गए हैं मंदिर शहर से काफी दूर है और पहाड़ी पर स्थित है मंदिर की बहुत ही मानता है।
मंदिर के पुजारी अशोक का कहना है कि मंदिर करीब 500 साल पुराना है जहां जो भी वक्त जाकर गुप्तेश्वर महादेव कीपूजा अर्चना करता है उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है।