रक्षाबंधन पर इस बार विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर को पर्यावरण संरक्षण संवर्धन का संदेश दे रही स्वर्ण स्वरूप कल्पवृक्ष निर्मित भव्य राखी मातुश्री पालरेचा परिवार की ओर से चढ़ाई जाएगी। इस राखी की विशेषता यह है कि इसमें दुनिया के अनेक देशों के नाम तो अंकित हैं ही इसके साथ इसमें कैलाश पर्वत और गोमुख गंगा का भारत के साथ अनोखा रिश्ता भी दर्शाया गया है। दो दशक से बजाज खाना चौक के पालरेचा परिवार की ओर से खजराना गणेश को रक्षाबंधन के पूर्व भव्य राखियां अलग-अलग संदेश समाज को देने की मंशा से भेंट की जाती रही है। शांतू पालरेचा और पुंडरीक पालरेचा ने बताया कि इस बार विश्व को स्वर्ण स्वरूप कल्पवृक्ष के रूप में पर्यावरण संरक्षण पर संवर्धन का संदेश इस राखी के माध्यम से दिया जा रहा है। इसी के चलते इस राखी में चीन, रशिया, इराक , ईरान आदि दुनिया के देशों को हमारा भारत पर्यावरण संवर्धन संदेश देते हुए नजर आ रहा है। इस अद्भुत राखी की खासियत यह है कि इसमें कल्पवृक्ष को स्वर्ण स्वरूप (सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाला) में दर्शाया गया है, वहीं इस भव्य 40 बाय 60 इंच की राखी में नग नगीना, हैदराबादी मोती, अमेरिकन डायमंड इसकी छटा को बढ़ा रहे हैम। 15 दिन में 20 से ज्यादा लोगों ने किया निर्माण मातुश्री पालरेचा परिवार के पुंडरीक पालरेचा ने बताया कि इस कॉन्सेप्ट पर काम लंबे समय से चल रहा है। तकरीबन 2 महीने इसके अलग-अलग पहलू पर विमर्श किया गया। मूर्त रूप देने में 15 दिन से ज्यादा का समय लगा, इस राखी को बनाने का उद्देश्य यह है कि आज के दौर में पर्यावरण में प्रदूषण का जो जहर घुल रहा है, उसको दूर करने और लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम को बनाए रखने का संदेश देना है, जिससे कि हमारे आने वाली पीढ़ी कोई बेहतर वातावरण श्रेष्ठ पर्यावरण के रूप में मिल सके। संस्कार संस्कृति और त्यौहार हमारा मूल है। अगर इसके साथ पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन जुड़ जाए तो दुष्परिणामों को काम किया जा सकता है और जागरूकता से नई पीढ़ी में नए विचार का समावेश होगा।