मृत श्रमिकों की समग्र आईडी से की छेड़छाड़:ई-संबल कार्ड बनाकर किया गबन, मांडवा सरपंच, सचिव, उप सरपंच के खिलाफ केस दर्ज

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मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के तहत मृतकों की समग्र आईडी से छेड़छाड़ कर 16 लाख के गबन के मामले में नेपानगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मांडवा के सरपंच, तत्कालीन सचिव और उप सरपंच के खिलाफ नेपानगर थाने में जांच के बाद धारा 409, 420, 468 और 471 भादवि के तहत केस दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि इस पूरे मामले की जांच नेपानगर की विधायक मंजू दादू और रेमा जाधव सहित अन्य के द्वारा की गई शिकायत के बाद की गई जिसके बाद पंचायत में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। जिसकी जांच तीन सदस्यीय दल ने की। जांच में पाया गया कि ग्राम पंचायत मांडवा के तत्कालीन सचिव सुनील पटेल, सरपंच तुलसीराम, उप सरपंच संजय जाधव ने मृत श्रमिकों की मौत के बाद उनकी समग्र आईडी से छेड़छाड़ कर ई-संबल कार्ड जारी कराकर कूटरचित दस्तावेज, मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर संबल योजना के तहत अपात्र लोगों को लाभ दिया। जिला पंचायत सीईओ ने तत्कालीन सचिव सुनील पटेल को तो सस्पेंड कर दिया था, लेकिन संबंधितों पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। शिकायतकर्ता रेमा जाधव, मोहन जाधव, बादशाह जाधव, प्रेमलाल जाधव, ढाबा अलावे, प्यार सिंग रावत, नानसिंग रावत की ओर से लगातार मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की जा रही थी। अब जाकर आरोपियों पर केस दर्ज कराया गया है। इन 8 अपात्रों को दिया गया लाभ रेलबाई, राजू वहार सिंग, अंकिता चैनसिंग, रूलकी बाई हेमता, रेमला, मांगीलाल गटर, रामलाल कुमार और रमती बाई शेरसिंग सभी निवासी ग्राम मांडवा। इनके खातों में पंचायत की ओर से कुल 16 लाख डालकर खुद भी आर्थिक लाभ उठाया गया। फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। इस मामले में ग्रामीणों की शिकायत भी सामने आने पर जिला पंचायत सीईओ सृष्टि देशमुख ने तत्कालीन पंचायत सचिव सुनील पटेल को सस्पेंड कर दिया था जबकि सरपंच, उप सरपंच को 9 अगस्त को बयान देने के लिए भी बुलाया गया था। उनके खिलाफ जिला पंचायत में भी धारा 40 के तहत पद से पृथक किए जाने का केस लगाया गया है। यह अनियमितताएं आई सामने
– ग्राम पंचायत मांडवा में मृत श्रमिकों की मृत्यु के बाद उनके फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर ई-संबल कार्ड जारी कराकर अनुग्रह राशि प्रदान की गई। मांडवा के तत्कालीन सचिव सुनील पटेल, वर्तमान सरपंच तुलसीराम, वर्तमान उप सरपंच संजय जाधव ने मिलकर यह कृत्य किया।
– रेलबाई, राजू वहार सिंग, अंकित चैन सिंग, रूलकी बाई हेमता, रेमला, मांगीलाल गटर, रामलाल कुमार, रमतीबाई शेर सिंग के प्रकरणों को संबल सहायता की फाइलों की जांच की गई। हितग्राहियों से चर्चा की गई तो पाया गया कि वह गरीब मजदूर आदिवासी व पात्रता के बार में कोई जानकारी नहीं रखते।
– एक महिला जिसको 4 लाख का लाभ मिला, लेकिन उप सरपंच संजय जाधव ने 2 लाख रूपए खुद के खाते में डाल लिए। पासबुक की जांच में यह पता चला। सभी आठ प्रकरण फर्जी पाए गए। ऐसे किया फर्जीवाड़ा – मृत्यु प्रमाण पत्र गलत तारीखों पर जारी किए गए। संबल का ऑनलाइन केवायसी कर संबल कार्ड जारी किए गए।
– सचिव ने प्रकरणों में हस्ताक्षर करने, बिना कोई जांच किए ओटीपी देकर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से वह समान रूप से जांच में दोषी पाए गए।
– 8 अपात्र लाभार्थियों के बैंक खाते की जांच के बाद दवलसिंग रेमला के खाते में 2 लाख 20 मार्च 2024 को शासन द्वारा डाले गए। इसके बाद 8 अप्रैल 24 को उप सरपंच संजय जाधव ने खुद के खाते में 2 लाख हस्तांतरित किए।
– अन्य सात हितग्राहियों के खाते से भी कुछ राशि कैश के रूप में निकाली गई।
– एक अन्य प्रकरण सिरकी बाई जिसको दुर्घटना के तहत 4 लाख रूपए का लाभ प्राप्त हुआ, लेकिन उप सरपंच ने 2 लाख रूपए 20 जुलाई 2023 को खुद के खाते में ट्रांसफर कर लिए। इसलिए जांच में पाया गया कि आठ प्रकरणों में उप सरपंच संजय जाव, सरपंच तुलसीराम ने पद का दुरूपयोग कर वित्तीय अनियमितता की।
– सरपंच, उप सरपंच और तत्कालीन सचिव ने जनपद पंचायत खकनार में गबन की राशि 16 लाख रूपए जमा करा दी, लेकिन इनके द्वारा फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर मृत्यु के बाद ई-संबल कार्ड बनाकर फर्जी दस्तावेज बनाने, शासन को गुमराह करने के कारण आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर सहायक विस्तार अधिकारी जनपद पंचायत अमित मिश्रा की शिकायत पर दर्ज की गई। मांडवा मामले में एफआईआर दर्ज हो गई नेपानगर थाना प्रभारी ज्ञानू जायसवाल ने बताया मांडवा ग्राम पंचायत के मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आगे की जांच की जा रही है।