संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने जनजातीय कार्य मंत्री से पूछा सवाल कि क्या सरकार जनजातीय छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे निजी स्कूलों को कोई वित्तीय सहायता प्रदान करती है और मध्यप्रदेश में ऐसे कितने संस्थान है? सवाल का लिखित जवाब जनजातीय कार्य राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने दिया। बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता योजना क्रियान्वित कर रहा है। जिसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संगठनों-स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान प्रदान किया जाता है। 27 जनवरी 2023 को मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और मानदंडों के अनुसार उपयुक्त उपायों के लिए गैर सरकारी संगठनों-स्वैच्छिक संगठनों को निधियां जारी की जाती है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंत्रालय द्वारा जिन संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है, उन्हें जिला प्राधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद राज्य सरकार द्वारा अनुशंसित किया जाता है, जो ऑनलाइन पोर्टल (ngo.tribal.gov.in) के माध्यम से एक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। इन गैर सरकारी संगठनों के लिए नीति दर्पण पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करना भी अनिवार्य है। इसके अलावा जैसा कि राज्य सरकार ने बताया है मध्य प्रदेश राज्य एनजीओ द्वारा संचालित स्कूलों, आश्रम शालाओं, और बालवाडियों को भी वित्तीय सहायता प्रदान करता है। मध्य प्रदेश राज्य में ऐसी संस्थाओं की संख्या 107 है। राज्य सरकार फील्ड अधिकारियों के माध्यम से इन गैर सरकारी संगठनों की नियमित निगरानी भी करती है।