डॉक्टर कॉलोनी में खेतों का पानी:रहवासी परेशान, कलेक्टर ने पानी निकासी के निर्देश दिए; तहसीलदार जांच में उलझे

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श्योपुर जिला अस्पताल के ठीक सामने की डॉक्टर कॉलोनी में इन दिनों खेतों का पानी भर रहा है। इससे कॉलोनीवासी परेशान हैं। तीन साल पहले आई बाढ के दौरान भी इसी तरह की स्थिति बनी थी। तब लोगों के घर 15-20 दिनों तक पानी में डूबे रहे थे। जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। तब से कॉलोनी के लोग हर साल बारिश के सीजन में पानी निकासी कराने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, पानी निकासी के इंतजाम अभी तक नहीं हो सके हैं। मौजूदा हालातों में जनसुनवाई में कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ के पास जब यह शिकायत पहुंची तो उन्होंने तहसीलदार को समस्या का समाधान कराने के लिए निर्देशित कर दिया। लेकिन, तहसीलदार पानी निकासी के इंतजाम कराने की बजाय जांच में उलझ गए हैं। बताया गया कि कॉलोनी की तीन तरफ खेत हैं, जिनमें बारिश का पानी भर गया है और वह तालाब की तरह दिखने लगे हैं। अब उनका पानी डॉक्टर कॉलोनी में भर रहा है। इससे लोगों को घर मकानों के क्षतिग्रस्त होने का डर सता रहा है। लोग तीन साल पहले आई बाढ़ में खतरनाक मंजर देख चुके हैं। लेकिन, जिम्मेदार पानी निकासी का उचित प्रबंध नहीं करवा पा रहे हैं। मिट्टी की पार को तोड़े बगैर नहीं होगी पानी की निकासी डॉक्टर कॉलोनी में प्लाटिंग कराने बाले कॉलोनाइजर ने पहले से नाले का निर्माण नहीं कराया है। कॉलोनी का ढलान सरकारी मिट्टी की पार की ओर है। इस वजह से दूसरी जगह नाले का निर्माण भी करा दिया जाए तो पानी की निकासी नहीं हो सकेगी। मिट्टी की पार तोड़कर नाला बनाया जाएगा तो ही पानी की निकासी हो सकेगी। इस तरह की जांच जिले के तत्कालीन कलेक्टर आर के श्रीवास्तव के कार्यकाल में खनिज अधिकारी रहे आरपी कमलेश कर चुके हैं। उन्होंने कॉलोनी का बारीकी से निरीक्षण करके इस तरह की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी थी, जिसके बाद मिट्टी की पार को तोड़ने का काम शुरु हो पाता उससे पहले कलेक्टर का तबादला हो गया और उनके बाद राजनीति हो जाने की वजह से मिट्टी की पार नहीं तोड़ी जा सकी। इस वजह से बारिश के सीजन में हर साल कॉलोनी के लोगों को जल भराव के हालातों का सामना करना पड़ता है। इसलिए मिट्टी की पार को तोड़ने नहीं देना चाहते अफसर पानी निकासी के लिए मिट्टी की पार को तोड़ना जरुरी है क्योंकि, ढलान होने की वजह से पानी की निकासी वहीं से संभव है लेकिन, प्रशासन के तहसीलदार, एसडीएम स्तर के अधिकारी इस मिट्टी की पार को सिर्फ इसलिए नहीं तोड़ने देना चाहते क्योंकि, जहां से मिट्टी की पार तोड़ी जानी है उसके आगे-पीछे शहर के एक धनाढ्य व्यक्ति की जमीन है, इसलिए उन्हें लगता है कि, अगर मिट्टी की पार तोड़ी गई तो उक्त व्यक्ति को फायदा होगा, इसलिए वह इस मिट्टी की पार को तोड़ने में रोड़े डाल रहे हैं लेकिन, कॉलोनी वासी इस वजह से मुसीबतें झेल रहे हैं। पड़ोस में कई जगह से तोड़ दी गई मिट्टी की पार लेकिन, यहीं पर विवाद पानी निकासी के लिए जहां मिट्टी की पार तोड़ी जानी है। वहां पहले से एक नाला (मोरी) भी बना है, जहां से पूर्व में भी पानी की निकासी होती रही है और उसके आसपास दांई और बांई ओर शहर के दो से तीन रसूखदारों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए मिट्टी की पार को तोड़ भी लिया है। लेकिन, वहां किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। सिर्फ इसी जगह पर अधिकारियों को नियम कानून याद आ रहे हैं। इस तरह के आरोप कॉलोनी के रहवासियों ने लगाए हैं। रहवासी बोले- हमें मिट्टी की पार से कोई लेना-देना नहीं लेकिन, पानी निकासी हो डॉक्टर कॉलोनी में ज्यादातर सरकारी अधिकारी कर्मचारी हैं, जो प्राइवेट सेक्टर में हैं। वह भी किसी उलझन में पड़ना नही चाहते है। लेकिन, परेशानी को देखते हुए उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से मांग की है कि उन्हें मिट्टी की पार और दूसरे किसी मामले से कोई लेना देना नहीं है। सिर्फ पानी निकासी के इंतजाम तत्काल होने चाहिए। ताकि, उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं झेलना पड़े। तहसीलदार बोले तीन-चार साल से यह सब चल रहा इस बारे में श्योपुर तहसीलदार अर्जुन सिंह से जब बात की गई तो वह कहने लगे कि डॉक्टर कॉलोनी में यह तीन चार साल से चल रहा है। मिट्टी की पार को लोग क्यों तुड़वाना चाहते हैं? यह सभी जानते हैं। हम जांच करके मिट्टी की पार के अलावा दूसरे किसी विकल्प को देखेंगे।