शुक्रवार शाम से हुई तेज बारिश के बाद जिले में नदी नाले उफान पर आ गए हैं। हालांकि रात दस बजे के बाद बारिश की गति कम होने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। शुक्रवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश के बाद प्रशासन के निर्देश पर होमगार्ड के जवानों ने शहर की निचली बस्तियों में अनाउंसमेट कर लोगों को बाढ़ आने के दौरान सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए अलर्ट किया गया। शनिवार सुबह बारिश थम गई है। लेकिन जिला मुख्यालय से निकलने वाली अजनाल एवं मटकुल नदी उफान पर है। शहर के प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर में सावन मास के पवित्र महीने में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पुल से सटी नदी को पार कर दर्शन के लिए मंदिर पहुच रहे हैं। हालांकि पुल के पास प्रशासन ने एक पुलिस जवान को तैनात भी किया गया है। लेकिन जवान के लोगों को समझाइश देने के बाद भी लोग जोखिम उठाकर नदी के जर्जर पुल से मंदिर जा रहे हैं। गौरतलब है कि मंदिर जाने के लिए बना यह पुल जर्जर हो चुका है। जिस पर से उफनती नदी पर पुल पार करना खतरे से खाली नहीं है। रपटा नीचे होने से बिरजाखेड़ी मार्ग बंद
जिला मुख्यालय पर बिरजाखेड़ी मार्ग से विधायक निवास की ओर जाने वाले मार्ग पर मटकुल नदी का रपटा नीचे होने से नदी का पानी रपटे के ऊपर से निकल रहा है। जिसके चलते करीब पांच घण्टे से मार्ग बंद है। पिछले 24 घंटों में जिले में 57.7 मि.मी. औसत वर्षा हुई
जिले में गत चौबीस घंटों में 57.7 मिमी.औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया इस वर्ष अब तक जिले में 483.3 मि.मी. औसत वर्षा हो चुकी है। इस वर्ष अब तक हरदा तहसील में 568.2 मि.मी., टिमरनी में 401.0 मि.मी.,खिरकिया में 436.0 मि.मी.,रहटगांव में 507.3 मि.मी. व सिराली में 504.1मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। अधीक्षक भू-अभिलेख ने बताया कि गत वर्ष की 3 अगस्त तक 633.5 मि.मी. औसत वर्षा हो चुकी थी जो गत वर्ष की तुलना में 150.2 मिमी कम है।