वर्षा का अश्लेषा नक्षत्र में गोचर:पंडित गौतम बोले- आगामी 15 दिनों तक अल्पवृष्टि के योग

Uncategorized

आज सूर्य के पुष्य नक्षत्र से अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करने से वृषभ , मिथुन और तुला राशि के जातकों के लिए महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। बुध के नक्षत्र में होने वाला यह परिवर्तन इन राशियों के लिए जीवन के विभिन्न पहलुओं में उन्नति लाएगा। ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल के अनुसंधान के अनुसार 3 अगस्त शनिवार को 11:18 दिन से वर्षा अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश करेगी, नक्षत्र संज्ञा कारक स्त्री स्री योग एवं चंद्र नक्षत्र संज्ञा कारक चंद्र योग रहेगा। इस योग के प्रभाव से इस नक्षत्र में वर्षा का वाहन खर अर्थात गधा होगा। संस्थान के संचालक पंडित विनोद गौतम के अनुसार वर्षा का यह चौथा नक्षत्र अश्लेषा शनिवार से प्रारंभ हो रहा है। इस नक्षत्र में अल्पवृष्टि के योग बन रहे हैं । यह अश्लेषा नक्षत्र आगामी 15 दिनों तक कम वर्षा कराएगा। सूर्य एवं चंद्र नक्षत्र स्त्री संज्ञक होने के कारण वर्षा में कमी आएगी। गोचर का ज्योतिषीय प्रभाव
पंडित गौतम के अनुसार इस नक्षत्र में वर्षा पहाड़ी क्षेत्रों पर होगी जिससे भारी बारिश से नुकसान भी हो सकता है पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्षा का प्रभाव अनिष्ट कारक है। मध्य क्षेत्र में वर्षा में कमी आएगी। लगातार चल रही श्रावण की झड़ी भी एक सप्ताह के लिए रुक जाएगी। शुरुआत में अश्लेषा नक्षत्र कहीं-कहीं भारी बारिश कर सकता है, वायु वेग का असर कम होगा, परंतु बिजली गिरने की घटनाएं अधिक होगी, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन एवं बाढ़ की संभावना है।