राजस्व महाभियान में आ रही तकनीकी समस्या:परेशान पटवारियों ने की विधायक से शिकायत, शासन स्तर पर हो समस्या का निराकरण

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किसानों की सुविधा और लंबित राजस्व प्रकरणो का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार 18 जुलाई से 31 अगस्त तक राजस्व महाभियान 2.0 संचालित कर रही है। जिसके तहत नामांतरण, संपत्ति बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती एवं सीमांकन के लंबित प्रकरणों को 31 अगस्त तक निराकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस महाभियान में लगे पटवारियों को आ रही तकनीकि और व्यवहारिक दिक्कतो को लेकर पटवारियों ने 01 अगस्त को दोपहर 01 बजे विधायक राजकुमार कर्राहे से उनके निवास पर मुलाकात कर आ रही समस्याओं की शिकायत की है। पटवारियों ने विधायक से नक्शा सुधार और कृषक पंजीयन में आ रही समस्याओं के निराकरण की मांग की है। पटवारियों का कहना है कि जिले में वर्ष 1915-16 के बाद से आज तक बंदोबस्त (भू-राजस्व सर्वेक्षण) नहीं होने के कारण राजस्व रिकॉर्ड में नक्शो के रकबे में अंतर आ रहा है। जिसके कारण सीमांकन और अभिलेख में गंभीर त्रुटि की समस्या है, जिसके कारण नक्शा सही नहीं होने के अकनेक मामले तहसील कोर्ट से लेकर हाईकोट में विचाराधनी है। यदि बंदोबस्त हो जाता है तो यह समस्या खत्म हो जाएगी। जिस मामले को संज्ञान में लेकर शासन स्तर पर इसे करवाया जाए। पटवारियों ने बताया कि राजस्व महाभियान में जिस डब्ल्युईबीजीआईएस साफ्टवेयर में नक्शा काटने कहा जा रहा है, उसमें गलत और आभाषी नक्शा कट रहा है। जिसके आधार पर भविष्य में सीमांकन और बटांकन में कृषकों के मध्य गंभीर विवाद होंगे और अपराधिक प्रकरण से लेकर राजस्व प्रकरणों से कृषकों को गुजरना होगा। जिसके बचाव के लिए जरूरी है कि साफ्टेवयर में सुधार कराया जाए। पटवारियों ने बताया कि जिस सारा पोर्टल में कृषक का पीएम किसान योजना में पंजीयन कराया जाता है, उसका डेटा साल भर बाद भी सेंट्रल अर्थाेरिटी तक नहीं पहुंचता है। जिससे कृषक नाराज होकर सीएम हेल्पलाईन में झूठी शिकायत करते है। जिसके सारा पोर्टल के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वह पीएम किसान योजना में कृषकों का पंजीयन, शीघ्र शीर्ष लेव पर तक पहुंचाए। पटवारियों की समस्या को जानने के बाद विधायक राजकुमार कर्राहे ने आश्वस्त किया है कि वह इस मामले में मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री से चर्चा कर जिले के पटवारियों की समस्या को अवगत कराकर उसके निराकरण का प्रयास करेंगे। ताकि पटवारियों और किसानों को भविष्य में किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो।