पनीर फैक्ट्री पर हुई थी छापामार कार्रवाई:ईओडब्ल्यू की कार्रवाई में फर्जी निकले दस्तावेज

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ग्राम पिपलिया मीरा में स्थित पनीर फैक्ट्री पर कल हुई ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद अब फैक्ट्री की लापरवाही के लगातार खुलासे हो रहे हैं। जांच के दौरान जो जानकारी सामने आ रही है, वह है काफी चौंकाने वाली है। गौरतलब है कि कल ईओडब्ल्यू ने ग्राम पिपल्या मीरा में पनीर फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की थी। जानकारी के अनुसार जिले में बुधवार को मध्य प्रदेश के राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की थी। यह छापे की कार्रवाई जय श्री गायत्री फूड्स पनीर फैक्ट्री के ठिकानों पर की गई। इस कंपनी पर आरोप है कि उसने जाली दस्तावेज तैयार कर विदेशों में करोड़ों का न सिर्फ कारोबार किया, बल्कि अपना साम्राज्य भी खड़ा कर दिया। कंपनी करीब 25 देशों में फर्जी तरीके से अपने उत्पाद बेच रही थी। कार्रवाई अन्य 12 ठिकानों पर भी की गई। बताया गया है कि जय श्री गायत्री फूड्स के मालिक किशन मोदी है। इसके अलावा पारूल मोदी और राजेंद्र मोदी ,अमित कुकरेजा कंपनी के पदों पर है। इस मामले में पुख्ता जानकारी की शिकायत भगवान सिंह राजपूत से मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने कंपनी के अधिकारियों पर 24 जुलाई को मामला दर्ज किया था। पूछताछ में कंपनी ने गड़बड़ी से इनकार किया था, लेकिन जैसे ही ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने दस्तावेजों की वेरीफिकेशन रिपोर्ट हासिल किया। उसमें सारी चोरी पकड़ी गई। उसके बाद अधिकारियों ने छापा मारा। बताया गया है कि अमानक स्तर की फर्जी सर्टिफिकेशन पर आधारित खाद्य सामग्री को लेकर जॉर्डन की सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। इस शिकायत पर कार्रवाई की गई। राज्य में हर तीन महीने में होने वाली केंद्र और राज्य की तमाम जांच एजेंसियों की रीजनल कॉन्फ्रेंस में इस कंपनी के फर्जीवाड़े पर चर्चा हुई। जिसके बाद जांच का जिम्मा ईओडब्ल्यू को सौंपा गया। ईओडब्ल्यू ने जब खाद्य सामग्री के एक्सपोर्टेशन से जुड़े हुए दस्तावेजों की पड़ताल की तो सभी फर्जी निकले। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। यही नहीं इस कंपनी को लेकर देश की सबसे बड़ी फूड चैन डोमिनोज ने भी अमानक खाद्य सामग्री सप्लाई करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इस कंपनी का विवादों से पुराना नाता रहा है, हाल की छापे की कार्रवाई के पहले भी कंपनी कई मामलों को लेकर विवादों में रही है, 1 जून 2022 को आयकर विभाग ने भी छापेमार कार्रवाई की थी। पनीर फैक्ट्री को प्रशासन ने 16 जुलाई को बंद किया था। जिला प्रशासन ने कार्रवाई पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर की थी। कंपनी के प्रोडक्ट बंद हो हुए, वही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड कंपनी पर 1 करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। यही नही बिजली विभाग ने कंपनी का कनेक्शन भी काट दिया था। मार्च 2023 में खाद्य विभाग ने पनीर में पाम आइल की मिलावट की शिकायत पर छापा मार करवाई के दौरान कोलकाता से आया पाम आइल से भरा टैंकर जब्त किया गया था। अब ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई के बाद लगातार कंपनी के फर्जी कार्यों की शिकायतें सामने आ रही है। वहीं कंपनी द्वारा केमिकल युक्त गंदा पानी आसपास फैलाने का मामला भी लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। जिला प्रशासन ने पनीर फैक्ट्री का उत्पादन कराया बंद था पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड को प्रशासन ने 16 जुलाई को ही बंद करा दिया था। जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर की थी। फैक्ट्री को बंद कराने के लिए कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर बिजली कंपनी ने बिजली कनेक्शन काट दिया था जिससे उत्पादन बंद हो गया था। अब फैक्ट्री जब तक चालू नहीं होगी, तब तक कि उद्योग जल प्रदूषण नियंत्रण की पूर्ण व्यवस्था नहीं करता है। जयश्री गायत्री फूड्स कंपनी पर जिला प्रशासन द्वारा यह दूसरी बार सख्त कार्रवाई की गई है। इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 1 करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी किया था। जानकारी के अनुसार, पनीर फैक्ट्री चालू होने के बाद से ही यहां के किसान उद्योग से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी से फसल खराब होने और आसपास के जल स्त्रोत का पानी दूषित होने की शिकायत करते आ रहे हैं। किसानों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने पहले भी कई बार कार्रवाई की। हालांकि, हर बार फैक्ट्री प्रबंधन बचता रहा है। इस बार फिर से कलेक्टर प्रवीण सिंह को कुछ लोगों ने शिकायत की, जिसे लेकर नायब तहसीलदार सिद्धांत सिंगला, पटवारी आशिष शर्मा, पवन यादव ने कुछ दिन पहले उद्योग का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान राजस्व की टीम ने देखा कि उद्योग द्वारा अनुपचारित दूषित जल को पाइप के माध्यम से उद्योग के पीछे परिसर के बाहर भूमि पर निस्तारित किया जा रहा है। उद्योग के अनुपचारित दूषित जल का भराव कृषि भूमि पर जगह-जगह देखा गया, जिसमें सफेद एवं काले रंग के झाग थे। यह केमिकल युक्त दूषित जल पहले नाले और फिर सीवन नदी तक पहुंच रहा है। राजस्व की टीम ने इसके सैंपल भी जांच के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजे, जिसकी जांच में काफी हानिकारक तत्व मिले, जिसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलेक्टर प्रवीण सिंह को तत्काल उद्योग बंद कराने के आदेश दिए थे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कलेक्टर प्रवीण सिंह को पनीर फैक्ट्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उत्पादन बंद कराने के आदेश 7 बजे मिले। कलेक्टर सिंह ने तत्काल बिना किसी देरी के बिजली कंपनी की टीम भेजकर उद्योग का कनेक्शन कटवा दिया। उद्योग की बिजली सप्लाई बंद होते ही उत्पादन रुक गया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलेक्टर को यह भी आदेश दिए हैं कि उद्योग जब तक चालू नहीं किया जाएगा, तब तक कि उद्योग द्वारा जल प्रदूषण नियंत्रण की पूर्ण व्यवस्था नहीें की जाती है। यदि ऐसा नहीं होता है तो तत्काल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा – 41 के तहत न्यायालय में विधिक प्रकरण दायर करने की कार्रवाई की जाएगी। पहले भी एक बार हो चुकी है कार्रवाई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पनीर फैक्ट्री के खिलाफ यह दूसरी बार सख्त कार्रवाई की गई है। इससे पहले 19 जनवरी 2022 को बोर्ड ने इसी फैक्ट्री का उत्पादन बंद कराया था। उस समय भी फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल युक्त पानी से किसानों की फसल खराब होने और जल प्रदूषण नियंत्रण के इंतजाम नहीं होने की बात सामने आई थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जांच कर फैक्ट्री प्रबंधन पर एक करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था, लेकिन इसके बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन लगातार लापरवाही कर रहा है। बताया गया है कि जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक किशन मोदी हैं। पनीर फैक्ट्री हमेशा किसी ने किसी विवाद को लेकर चर्चा में रहती है। अभी कुछ महीने पहले मिलावट के मामले को लेकर फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। हालांकि, बाद में कोर्ट के आदेश पर फिर से फैक्ट्री चालू हो गई। इसके अलावा बिना अनुमति के फैक्ट्री की पाइप लाइन डालने को लेकर एक बार प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास प्राधिकरण की शिकायत पर कोतवाली पुलिस एफआइआर भी दर्ज कर चुकी है, लेकिन रसूख, धन और बल की दम पर फैक्ट्री प्रबंधन हमेशा बच जाता है।