सिवनी में डेंगू से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट:ग्रामीण क्षेत्रों में लार्वा तलाश कर नष्ट कर रही टीम, 50 के करीब पहुंची मरिजों की संख्या

Uncategorized

सिवनी में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है। वहीं मलेरिया भी तेजी से फैल रहा है। जिले में डेंगू और मलेरिया के मामले अर्धशतक के करीब पहुंच गए है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार मंगलवार को 6 नए मरीज मिले जिससे अब तक डेंगू के 49 और मलेरिया के 46 मरीज मिल चुके हैं। इधर निजी पैथालाजी लैबों में भी बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। जिले के छपारा में एक बच्ची की डेंगू से संदिग्ध मौत निजी अस्पताल में उपचार के दौरान हो चुकी है। जिनका कोई रिकार्ड मलेरिया विभाग के पास नहीं है। तीन साल पहले जिले में डेंगू के सबसे ज्यादा 116 मरीज मिले थे। इस साल जिस रफ्तार से डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, उससे तीन साल पहले का रिकार्ड टूटने की आशंका है। शहर में बढ़ रही संख्या गांवों की अपेक्षा शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं लेकिन इसकी रोकथाम के उपाए नहीं किए जा रहे हैं। शहर में खाली प्लॉट में जमा हो रहे पानी में मच्छर पनपने के कारण डेंगू और मलेरिया बीमारी के और अधिक फैलने का खतरा बढ़ गया है। खाली प्लॉट बन रहे समस्या नगर पालिका के सीएमओ आरके कुर्वेती शहर में सफाई और दवा छिड़काव के साथ समय-समय पर फागिंग करने का दावा तो कर रहे है लेकिन शहर में मच्छरों की संख्या कम होने की अपेक्षा बढ़ रही है। शहर के सात वार्डों में डेंगू के डंक के कारण 13 मरीज मिल चुके हैं। नगर पालिका क्षेत्र में खाली पड़े प्लॉट लोगों के लिए समस्या बनते जा रहे हैं शहर के 24 वार्डों में अनेक प्लॉट है, जिसमें लोगों ने निर्माण नहीं किया है। वर्षा के कारण इन प्लॉट में जलभराव होने से मच्छरों की संख्या बढ़ रही हैं। ऐसे में डेंगू, मलेरिया बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। शहर की अधिकांश कॉलोनियों में कच्ची सड़क व नालियों में पानी जमा हो रहा है। खाली प्लॉट में पानी का जमा हो रहा है। कलेक्टर ने रोकथाम के दिए थे निर्देश पिछले सप्ताह बैठक में कलेक्टर संस्कृति जैन ने डेंगू-मलेरिया की रोक-थाम के लिए मलेरिया विभाग और नगरपालिका को समंवय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी नगरपालिका ध्यान नहीं दे रही है। मलेरिया विभाग के अधिकारियों के अनुसार तीन साल के अंतराल में डेंगू के मामले बढ़ते हैं। वर्ष 2021 में डेंगू के 116 मरीज पॉजिटिव मरिज मिले थे। पिछले साल वर्ष 2023 में भी डेंगू के 69 मरीज मिले थे। वहीं इस साल अब तक तक डेंगू के 43 मरीज नहीं मिल चुके हैं। मलेरिया विभाग के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिलने पर तत्काल टीम को मौके पर भेजकर मरीज के घर व आसपास धुआं किया जा रहा है। साथ ही लार्वा की जांच कर उसका विनष्टीकरण किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में इस कार्य का जिम्मा नगरपालिका का हैं। चार वार्ड संवेदनशील शहर में पटरी से उतरी सफाई व्यवस्था और जगह-जगह जमा हो रहे पानी में लार्वा के पलने से मच्छर जनित बीमारियां बढ़ रही हैं। शहर के चार वार्ड संवेदनशील माने जा रहे हैं। इससे सबसे अधिक संवेदनशीन शहर के टैगौर वार्ड को माना जा रहा है। यहां अब तक डेंगू के चार मरीज मिल चुके हैं। इस साल डेंगू का सबसे पहला मरीज भी इसी वार्ड में मिला था। इसके अलावा शहर के ‘महावीर वार्ड में दो, महामाया वार्ड में दो और सीवी रमन वार्ड में डेंगू के दो मरीज मिल चुके हैं। वहीं रानी दुर्गावती वार्ड, गांधी वार्ड और शस्त्री वार्ड में डेंगू के एक-एक मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के गोपालगंज सीएचसी केंद्र अंतर्गत डेंगू के 12 मरीज अब तक मिल चुके हैं। इस केंद्र के कंडीपार गांव में एक, डोरली छतरपुर में तीन, कोनियापार में एक, बगौड़ी में एक, बींझावाड़ा में एक, गोपालगंज में एक, बोरदई में एक, पतरई में एक, जैतपुर कला में एक और पिपरिया में डेंगू का एक मरीज मिल चुका है। कुरई ब्लॉक के चार गांव में चार, लखनादौन ब्लॉक के तीन गांव में तीन, छपारा ब्लॉक के पांच गांव में पांच, बरघाट ब्लॉक के चार गांव में चार, धनौरा और केवलारी ब्लॉक में डेंगू के एक-एक मामले मिल चुके है। जिले का घंसौर ही ऐसा ब्लॉक है, जहां इस साल अब तक डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है। जिले में 9 सालों में डेंगू की स्थिति (30 जुलाई तक)