देश की प्राचीनतम हिंदी सेवी संस्था श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति ने मंगलवार को अपना 115वां स्थापना दिवस झिलमिलाते प्रकाश में शिवाजी भवन सभागर में जन्मोत्सव की तरह सानंदपूर्वक मनाया गया। उपस्थित जनसमूह ने 115 दीप जलाए एवं एक-दूसरे को बधाइयां दी। इस मौके पर महाविद्यालयीन स्टूडेंट्स के लिए तात्कालिक काव्य सृजन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें विश्वविद्यालय के अलावा 4 अन्य महाविद्यालयों के 12 स्टूडेंट्स ने सहभागिता दी। कार्यक्रम में प्रकृति संदर्भ लिखी रचनाओं का सस्वर पाठ किया। इसमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के विवेक राजपूत प्रथम, मुस्कान राज द्वितीय, शीतल दिव्यानी एवं पूजा राज ने प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किए। कार्यक्रम में पत्रकारिता विभाग के प्रथमेश व्यास ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। निर्णायक की भूमिका सर्वश्री प्रभु त्रिवेदी, गोपाल माहेश्वरी एवं डॉ. दीपा व्यास ने निभाई। अतिथियों का परिचय और समिति का संक्षिप्त इतिहास, वीणा पत्रिका आदि के संदर्भ में संचालन कर रहे प्रचारमंत्री हरेराम वाजपेयी ने बताया कि कार्यक्रम के शुभारंभ में दीप प्रज्ज्वलन के साथ मां सरस्वती अर्चना की गई। सरस्वती वंदना (मोहन रावल की रचित) डॉ. सुधा चौहान ने की। स्वागत उद्बोधन प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने दिया। इस मौके पर समिति के साहित्यिक कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला गया। स्वागत घनश्याम यादव, उमेश पारीख, अरविंद ओझा, मणिमाला शर्मा, राजेश शर्मा ने किया। कविता सूर्य की किरण के समान है, जो अंत:करण के अंधकार को करती है दूर स्थापना दिवस के आयोजन में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए सभापति सत्यनारायण सत्तन ने कहा कि कविता बौद्धिक रूप से सचेत करती है, हमारे यहां की संस्कृति है हर सुख-दु:ख में कविता गीत-पढ़े जाते हैं। कविता सूर्य की किरण के समान है, जो अंत:करण के अंधकार को दूर करती है। इस अवसर पर उपसभापति सूर्यकांत नागर एवं कृष्णकुमार अष्ठाना ने भी संबोधित किया। आभार साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने माना। कार्यक्रम में डॉ. जी.डी. अग्रवाल, राजेश शर्मा, सदाशिव कौतुक, प्रदीप नवीन, संतोष मोहन्ती, छोटेलाल भारती, डॉ. कृष्णा जोशी, अन्तरा करवडे, डॉ. वसुधा गाडगिल, डॉ. शशि निगम, किशोर यादव, डॉ. गर्ग के अलावा यश वन्सोडे, मयंक सोनी, सोनम दीक्षित, दीपेश साहू, तृप्ति वैद्य, डॉ. आरती दुबे, डॉ. दीप्ति गुप्ता, उपासना गुप्ता, डॉ. अर्पण जैन, डॉ. प्रोफेसर प्रतिभा सोलंकी, रानू डुबानी, राजेश शुक्ल के अलावा बड़ी संख्या में साहित्यकार, समिति परिवार सुधीजन उपस्थित थे। संयोग से इसी दिन समिति के लेखाधिकारी कमलेश पांडेय का जन्मदिवस होने से उनका अभिनन्दन समिति परिवार ने किया। कार्यक्रम संयोजन में सरला गलांडे, हेमेंद्र मोदी, संदीप पालीवाल, विजय सिंह, अनिल कटारे, भगवान रेबारी आदि का विशेष योगदान रहा।