बुरहानपुर में पांच-छह लोगों के करीब 25 गधे पिछले 6 दिनों से लापता हैं। इसकी शिकायत लेकर मंगलवार को गधों के मालिक जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने अफसरों से कहा कि गधे चोरी होने से हम बेरोजगार हो गए हैं। अनिल नाम के गधा मालिक ने अधिकारियों से कहा कि हमारे गधे चोरी हो रहे हैं। हम रिपोर्ट लिखवाने सिटी थाने गए तो सिटी थाने वालों ने हमें कहा आप प्रतापपुरा के रहवासी हो। आपको शिकारपुरा थाना लगेगा। शिकारपुरा में गए तो शिकारपुरा थाने से कहा कि आपके गधे मार्केट से गए हैं आपको सिटी थाना लगेगा। पीड़ित ने कहा कि हम परेशान हो रहे हैं। मेरे खुद के 4 गधे और कुल 25 गधे चोरी हुए हैं। समस्या यह आ रही है कि हम आठ दिनों से बेरोजगार बैठे हैं। वे हैं तो हम हैं। वे नहीं तो हम नहीं। हम रेती, गिट्टी, मिट्टी आदि ढोने का काम करते हैं। छोटे-मोटे काम करते हैं। एक गधे की कीमत 25 हजार रूपए हैं। जो गधे बचे हैं उन्हें अभी बांधकर रख रहे हैं। ज्यादा दूर चरने नहीं भेज रहे हैं। यह सुनने के बाद संयुक्त कलेक्टर अशोक कुमार जाधव ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा आवेदन एसपी को फॉरवर्ड कर दिया है। 6 दिनों से नहीं लौटे गधे
गधा मालिक जितेंद्र प्रजापति के अनुसार 6 दिनों से मेरे 12 गधे घर वापस नहीं लौटे। काफी तलाश करने पर भी जब गधे नहीं मिले तो इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की। वहीं एक अन्य गधा मालिक अरुण प्रजापति ने कहा मेरे 4 गधे लापता हैं। इसी तरह कुछ अन्य लोगों के भी गधे गायब हुए हैं। प्रजापति समाज के कुल छह लोगों की शिकायत पर पुलिस ने फिलहाल मामला जांच में लिया है, गधों का कहीं पता नहीं चला। गधा मालिकों ने सीसीटीवी चेक कराने का आवेदन भी दिया है। एक गधे की कीमत करीब 25-30 हजार रूपए है। बस स्टैंड, पाला बाजार, शनवारा क्षेत्र से गधे कहीं चले गए। कैमरे में कहीं गधे नजर नहीं आए। दो थानों के बीच उलझा गधे चोरी का मामला
दरअसल, गधे चोरी का मामला दो थानों के बीच उलझ गया है। अब तक पीड़ितों की एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। गधा मालिक कोतवाली थाने पहुंचते हैं तो उन्हें शिकारपुरा थाने भेजा जाता है। शिकारपुरा जाते हैं तो उन्हें कोतवाली भेज दिया जाता है। इसकी वजह यह है कि जिन पीड़ितों के गधे चोरी हुए हैं वह प्रतापपुरा क्षेत्र के रहने वाले जो शिकारपुरा थाने में आता है। जबकि गधे शनवारा और बस स्टैंड क्षेत्र के आसपास से चोरी हुए हैं। यह क्षेत्र कोतवाली में आता है। इसलिए पुलिस न कोतवाली थाने में शिकायत लिख रही है न शिकारपुरा थाने में। अब संयुक्त कलेक्टर ने जनसुनवाई में शिकायत आने पर मामला एसपी को मार्क कर फॉरवर्ड कर दिया है।