जिले में कई झोलाछाप डॉक्टर रोगियों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं। जिसमें झोलाछाप चिकित्सकों के गलत इलाज करने से रोगी की मौत हुई है। ताजा मामला सोहागी से सामने आया था। जहां सोहागी थाने के चौरा गांव के मकबूल अहमद के बेटे मोहम्मद साजिद अहमद को झोलाझाप डॉक्टर ने एक के बाद एक 7 ग्लूकोज की बाटल चढ़ा दी थी। झोलाछाप डॉक्टर रात 9 बजे से 3 बजे तक बोतल चढ़ाता रहा और इंजेक्शन लगाता रहा। बच्चा बेहोश हो गया और उसकी नाक से खून और मुंह से झाग निकलने लगा। परिजन घबरा गए और उसे प्रयागराज ले जाने के लिए रवाना हुए, लेकिन बचा नहीं पाए।’ इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग नींद से जागा है। सीएमएचओ डॉ. सजीव शुक्ला ने बताया कि झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश मिले हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रदेश भर में झोलाछाप चिकित्सकों को नियंत्रित करने के लिए ऐसे फर्जी क्लीनिक को प्रतिबंधित किया जा रहा है। इसे लेकर लोगों में भी जागरूकता लाई जा रही है। बिना रजिस्ट्रेशन के इस तरह के क्लीनिक का संचालन करना विनियामक अधिनियम का उल्लघंन है और दण्डनीय अपराध है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर उस व्यक्ति के नाम के साथ उपयोग किया जा सकता है,जो मान्यता प्राप्त हो। आदेश के उल्लंघन पर 3 साल की जेल और पचास हजार रूपए के जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। अगर कही भी झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक संचालित कर रहे हैं और इलाज कर रहे हैं। उसकी सूचना विभाग को दी जाए। हम उन पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करेंगे।